Aasim Munir on Pakistan: जब पूरी दुनिया के मुसलमान बकरीद के मौके पर कुर्बानी, शांति और भाईचारे का पैगाम दे रहे थे. उस दौरान ना-पाक ने एक बार फिर इस मौके को सियासत की भेंट चढ़ा दिया. पाक सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर पहुंचकर कश्मीर मुद्दे को हवा देने की कोशिश की और भारत-विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाया.
जनरल मुनीर ने LoC पर तैनात पाक सैनिकों को ईद की बधाई दी, लेकिन साथ ही हालिया सीमा घटनाओं का ज़िक्र करते हुए दावा किया कि पाकिस्तान ने भारत को करारा जवाब दिया है. ISPR द्वारा जारी बयान में मुनीर ने खुद को 'विक्ट्री जनरल' बताते हुए सैनिकों को संबोधित किया और कहा कि भारत के खिलाफ "सैन्य सफलता" हासिल हुई है। हालांकि हकीकत इससे कोसों दूर है.
मुनीर ने एक बार फिर पुराने रटे-रटाए बयान दोहराते हुए कहा कि पाकिस्तान कश्मीरी जनता के “न्यायसंगत संघर्ष” का समर्थन करता रहेगा. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के पुराने प्रस्तावों का हवाला देते हुए इसे “अंतरराष्ट्रीय मुद्दा” बताया, जबकि दुनिया अब इस झूठे नैरेटिव से थक चुकी है.
पाकिस्तान के लिए कश्मीर एक ऐसा कार्ड है, जिसे वह हर मौके पर खेलता है- चाहे वह धार्मिक अवसर हो या अंतरराष्ट्रीय मंच। जब भी पाकिस्तान पर आर्थिक संकट गहराता है, वैश्विक दबाव बढ़ता है या घरेलू अव्यवस्था सिर उठाती है, उसकी सेना और सरकार कश्मीर का हवाला देकर ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं.
भारत सरकार ने बार-बार स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं और रहेंगे. पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है. वैश्विक मंचों पर भी भारत के इस रुख को व्यापक समर्थन मिल रहा है, जबकि पाकिस्तान की बयानबाज़ी अब दुनिया के लिए अप्रासंगिक होती जा रही है.
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत के बाद भारत ने निर्णायक कदम उठाया. 7 मई को PoK में स्थित आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई की गई. इसके बाद चार दिन तक सीमा पर तनाव बना रहा, और अंततः 10 मई को DGMO स्तर की बातचीत में स्थिति सामान्य करने पर सहमति बनी.
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