पूर्वी रूस में गुरुवार को एक बड़ा विमान हादसा सामने आया है. एक पैसेंजर प्लेन जो करीब 50 लोगों को लेकर जा रहा था, अमूर क्षेत्र में लापता हो गया. रूसी समाचार एजेंसी आईएफएएक्स के अनुसार, विमान का मलबा पूर्वी अमूर इलाके में मिला है, जो चीन की सीमा से सटा हुआ है. प्रारंभिक रिपोर्टों में सभी यात्रियों की मौत की बात कही जा रही है, हालांकि अभी तक किसी आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है.
इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है. विमान का संचालन साइबेरिया की एक स्थानीय एयरलाइन Angara द्वारा किया जा रहा था. प्लेन An-24 मॉडल का था और यह उड़ान भरने के बाद Tynda शहर की ओर जा रहा था.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के स्थानीय आपात मंत्रालय ने बताया कि विमान Tynda गंतव्य के पास पहुंचने ही वाला था, जब वह एयर ट्रैफिक कंट्रोल के रडार से अचानक गायब हो गया. यह इलाका अमूर क्षेत्र में स्थित है, जो चीन की सीमा से सटा हुआ है. क्षेत्रीय गवर्नर वासिली ओरलोव के मुताबिक, शुरुआती आंकड़ों के अनुसार विमान में कुल 49 लोग सवार थे 43 यात्री (जिनमें 5 बच्चे भी शामिल थे) और 6 क्रू मेंबर्स.
An-24 crash site in Russia's Far East seen from helicopter — social media footage
— RT (@RT_com) July 24, 2025
49 on board, including 5 children and 6 crew — no survivors reported
Malfunction or human error considered as possible causes https://t.co/pLMgFY7kBG pic.twitter.com/rU5VWLOnXH
इस विमान हादसे से कुछ दिन पहले, सोमवार को मैक्सिको सिटी एयरपोर्ट पर एक बड़ी टक्कर बाल-बाल टल गई. AeroMexico की रीजनल जेट लैंडिंग के दौरान Delta Airlines के Boeing 737 विमान के ठीक सामने उतर गई.
डेल्टा फ्लाइट 590 रनवे पर उड़ान भरने ही वाली थी, जिसमें 144 यात्री और 6 क्रू सदस्य सवार थे. पायलटों ने सामने लैंड कर रहे विमान को देख लिया और तत्काल टेक-ऑफ रोक दिया. घटना के बाद फ्लाइट को लगभग तीन घंटे बाद अटलांटा के लिए रवाना किया गया. इस गंभीर चूक की जांच के आदेश दिए गए हैं.
21 जुलाई को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के उत्तरा क्षेत्र में Bangladesh Air Force का F-7 BGI ट्रेनिंग विमान एक स्कूल कैंपस पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसा विमान के उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद हुआ. स्थानीय मीडिया के अनुसार इस हादसे में कम से कम 27 लोगों की मौत हुई और 78 लोग घायल हो गए। मरने वालों में 25 बच्चे शामिल थे, जिनमें कई की उम्र 12 साल से कम बताई जा रही है। अधिकतर की मौत जलने की वजह से हुई.
रूस, मैक्सिको और बांग्लादेश की इन घटनाओं ने एक बार फिर से वैश्विक स्तर पर एयर सेफ्टी को लेकर चिंता बढ़ा दी है. तकनीकी चूक हो या मानवीय लापरवाही-इन हादसों की गहराई से जांच जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके.
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