कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि वोटिंग प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी की गई और करीब 25 लाख फर्जी वोटर वोटर लिस्ट में शामिल किए गए हैं. बुधवार (5 नवंबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि यह मामला सिर्फ हरियाणा का नहीं, बल्कि देश की लोकतांत्रिक विश्वसनीयता से जुड़ा हुआ है.
राहुल गांधी ने उदाहरण देते हुए बताया कि ब्राजील की एक मॉडल का नाम हरियाणा की वोटर लिस्ट में 22 अलग-अलग बार दर्ज किया गया. उन्होंने सवाल उठाया कि किसी विदेशी महिला का नाम वोटर लिस्ट में कैसे शामिल हुआ और वह इतने अलग-अलग बूथों पर कैसे वोट कर सकती है. राहुल ने कहा, “यह चुनाव आयोग की लापरवाही नहीं, बल्कि जानबूझकर की गई गड़बड़ी है.”
बाद में सामने आया कि जिस फोटो का ज़िक्र राहुल गांधी ने किया, वह दरअसल ब्राजीलियन फोटोग्राफर मैथ्यूज़ फेरारो (Matheus Ferroro) द्वारा ली गई थी. वह महिला कोई वोटर नहीं, बल्कि एक मॉडल है जिसकी फोटो Unsplash और Pexels जैसी वेबसाइटों पर उपलब्ध है.
A Brazilian citizen Matheus Ferroro voted in 22 names in Haryana under the names ranging from Sweety to Saraswathi. The wonder called @ECISVEEP!
— Congress Kerala (@INCKerala) November 5, 2025
Do you need more evidence that Haryana Elections were rigged totally? pic.twitter.com/sOPJ3G9JAM
राहुल ने कहा कि हरियाणा में कुल 2 करोड़ वोटर हैं, जिनमें से लगभग 12.5% यानी करीब 25 लाख फर्जी वोटर हैं. उनके मुताबिक, कई जगहों पर एक ही फोटो और अलग-अलग नामों से वोटर आईडी बनाई गईं. उन्होंने आरोप लगाया कि इससे कांग्रेस की संभावित जीत को हार में बदला गया.
राहुल ने यहां तक कहा कि बीजेपी के नेता यूपी में वोट करने के बाद हरियाणा में भी वोट डाल रहे हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक सरपंच “दालचंद” और उसका बेटा यशवीर दोनों जगह वोट कर रहे हैं.
राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग के सूत्रों ने प्रतिक्रिया दी. उनका कहना है कि कांग्रेस ने अब तक कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई. अगर पार्टी को वोटर लिस्ट में गड़बड़ी दिखी थी, तो उसे पहले ही आपत्ति दर्ज करनी चाहिए थी. आयोग के मुताबिक, अभी तक वोटर लिस्ट से जुड़ी कोई औपचारिक शिकायत नहीं आई है.
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में देश के युवाओं और Gen Z मतदाताओं से अपील की कि वे इस मुद्दे पर ध्यान दें. उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक राज्य का नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा का सवाल है.” उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को संसद और जनता दोनों के सामने उठाएंगे, क्योंकि चुनाव की पारदर्शिता पर सवाल उठाना लोकतंत्र को बचाने के लिए जरूरी है.
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