केंद्र सरकार ने देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की है. इस योजना का मकसद है कि लकड़ी, धातु, मिट्टी, कपड़ा, चमड़ा या मशीन मरम्मत जैसे काम करने वाले कारीगर अपना हुनर आधुनिक साधनों के साथ आगे बढ़ा सकें. यह योजना 2024 में शुरू की गई और इसमें रजिस्ट्रेशन, ट्रेनिंग, उपकरण और कम ब्याज वाले लोन जैसी सुविधाएं दी जाती हैं.
पीएम विश्वकर्मा योजना में आवेदन करना काफी आसान है. सबसे पहले आपको आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाना होगा. आवेदन करने से पहले यह चीजें तैयार रखें:
1. आधार कार्ड
2. मोबाइल नंबर
3. बैंक पासबुक
4. हाल की फोटो
5. कौशल प्रमाणपत्र या पुराने काम का अनुभव (अगर हो)
आवेदन के दौरान आपको अपने पेशे का नाम भरना होता है. जैसे: सुनार, लोहार, नाई, दर्जी, कुम्हार या कोई अन्य पारंपरिक व्यवसाय. फॉर्म भरकर सबमिट करें और एप्लीकेशन नंबर नोट कर लें.
रजिस्ट्रेशन के बाद आपका डेटा स्थानीय अधिकारी के पास सत्यापन के लिए भेजा जाता है. सत्यापन पूरा होने के बाद आपको आगे की जानकारी एसएमएस या ईमेल से मिलती है. यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है, इसलिए किसी एजेंट की जरूरत नहीं पड़ती.
जब आपका आवेदन मंजूर हो जाता है, तो सबसे पहले आपको निःशुल्क ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाता है. ट्रेनिंग में आपको नए औजारों का इस्तेमाल और मार्केट-रेडी बनाने के तरीके सिखाए जाते हैं. ट्रेनिंग पूरी करने पर सरकार की ओर से आधुनिक उपकरण या टूलकिट दी जाती है. इस दौरान रोजाना 500 रुपये का स्टाइपेंड भी मिलता है.
इसके अलावा आप कम ब्याज पर 1 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं, जिसे समय पर चुकाने पर आगे बढ़ाया जा सकता है. डिजिटल लेनदेन और बिजनेस प्रमोशन के लिए इंसेंटिव भी दिए जाते हैं. सभी भुगतान सीधे आपके बैंक खाते में आते हैं.
अगर आप पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े हैं, तो पीएम विश्वकर्मा योजना आपके लिए नई शुरुआत का अवसर है. आवेदन करके आप न केवल अपने हुनर को आधुनिक बना सकते हैं, बल्कि आर्थिक मदद, ट्रेनिंग और उपकरण भी प्राप्त कर सकते हैं. यह योजना पूरी तरह पारदर्शी और ऑनलाइन है, इसलिए तुरंत आवेदन करें और अपने व्यवसाय को अगले स्तर पर ले जाएँ.
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