पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से जुड़ी एक फेक और आपत्तिजनक वीडियो के मामले में मोहाली अदालत ने सख्त कदम उठाया है। अदालत ने शुक्रवार को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, एक्स (ट्विटर) और टेलीग्राम जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को आदेश दिया है कि वे 24 घंटे के अंदर ऐसी सभी वीडियो और पोस्ट्स को हटा दें, जो सीएम मान को निशाना बनाती हैं या उनकी छवि को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
इस आदेश के साथ अदालत ने 166 विशेष URLs की सूची भी जारी की है, जिन पर यह सामग्री मौजूद है।
मोहाली की ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट मनप्रीत कौर ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सूची में शामिल हर लिंक से संबंधित वीडियो या पोस्ट तुरंत हटा दी जाए। आदेश मिलने के बाद 24 घंटे से ज्यादा समय नहीं दिया जाएगा। अदालत ने स्पष्ट कहा कि इस आदेश की अनदेखी करना आईटी एक्ट के तहत मिलने वाली कानूनी छूट को खत्म कर सकता है।
यह मामला राज्य साइबर क्राइम विभाग (SAS नगर) द्वारा दायर एक याचिका पर आधारित है। विभाग ने अदालत को बताया कि कुछ लोग एआई (Artificial Intelligence) का दुरुपयोग करके मुख्यमंत्री मान का फेक वीडियो बना रहे हैं। ये वीडियो अश्लील हैं और सार्वजनिक शांति भंग करने की प्रवृत्ति रखते हैं। अदालत ने इसे गंभीर मानते हुए तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए।
अदालत ने गूगल सर्च इंजन को भी आदेश दिया है कि ऐसी फेक सामग्री को डी-इंडेक्स (de-index) और डी-रेफरेंस (de-reference) किया जाए, ताकि कोई भी व्यक्ति उसे सर्च के ज़रिए न ढूंढ सके। साथ ही, सभी सोशल मीडिया कंपनियों को कहा गया है कि वे सारे डिजिटल सबूतों को सुरक्षित रखें, ताकि जांच के दौरान कोई भी डेटा मिटाया न जाए।
यह फेक वीडियो कथित तौर पर कनाडा में रहने वाले जगमन समरा के सोशल मीडिया अकाउंट से साझा की गई थी। वीडियो वायरल होने के बाद उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया। हालांकि समरा ने बाद में वीडियो को अपने अकाउंट से हटा दिया, लेकिन अदालत ने पाया कि कई अन्य यूजर्स ने वही वीडियो या उसका समान संस्करण दोबारा अपलोड कर दिया है।
इस वजह से अदालत को 166 लिंक की पूरी लिस्ट तैयार कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भेजनी पड़ी।
अदालत ने चेतावनी दी है कि अगर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने 24 घंटे के अंदर इस आदेश का पालन नहीं किया, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उन्हें आईटी एक्ट के तहत मिलने वाले कानूनी सुरक्षा प्रावधानों से वंचित कर दिया जाएगा।
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