भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने एयर फोर्स डे के अवसर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के चौंकाने वाले तथ्य साझा किए. इस दौरान उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के खिलाफ किए गए इस जवाबी हमले ने उसकी सैन्य क्षमता को गहरा आघात पहुंचाया है.
यह अभियान 7 मई से 10 मई तक चला. इसकी शुरुआत जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की गई थी. ऑपरेशन का मुख्य लक्ष्य आतंक के अड्डों और पाकिस्तान की सैन्य संरचना को नुकसान पहुंचाना था. इसी क्रम में बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय को भी सटीक हमलों से ध्वस्त किया गया.
IAF चीफ के अनुसार, भारतीय हमलों में पाकिस्तान की चार जगहों पर रडार सिस्टम, दो स्थानों पर कमांड और कंट्रोल सेंटर, दो हवाई अड्डों के रनवे और तीन अलग-अलग ठिकानों पर स्थित हैंगर तबाह हुए. इसके अलावा, पाकिस्तान के 12 से ज्यादा विमान नष्ट कर दिए गए, जिनमें 9-10 फाइटर जेट शामिल थे. जानकारी के मुताबिक, इन विमानों में चार से पांच एफ-16 भी शामिल थे, जो उस समय मेंटेनेंस के लिए खड़े थे. इतना ही नहीं, एक सी-130 श्रेणी का विमान और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली (SAM) भी भारतीय हमलों की भेंट चढ़ गई.
एयर चीफ मार्शल ने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान भारत ने 300 किलोमीटर से ज्यादा दूरी से पाकिस्तानी विमानों को ध्वस्त किया. यह अब तक का सबसे लंबा सतह से हवा में मार गिराने का रिकॉर्ड है. इस दौरान पाकिस्तान के एईडब्ल्यूएंडसी (हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली) व सिग्नल इंटेलिजेंस (SIGINT) विमान के साथ-साथ पांच हाई-टेक फाइटर जेट भी निशाना बने. माना जा रहा है कि इनमें जेएफ-17 या एफ-16 विमान शामिल थे.
इस पूरे ऑपरेशन में भारत के आधुनिक हथियार सिस्टम ने अहम भूमिका निभाई. खासतौर पर हाल ही में वायुसेना में शामिल किया गया S-400 मिसाइल सिस्टम, जिसने पाकिस्तान के विमानों को 300 किलोमीटर की दूरी से ही मार गिराया. एयर चीफ ने कहा कि यह सिस्टम भारतीय वायुसेना की रणनीतिक क्षमता को और भी मजबूत बनाता है.
पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने 15 भारतीय विमान मार गिराए, लेकिन एयर चीफ मार्शल सिंह ने इसे "मनोहर कहानियां" बताते हुए खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपने दावों में खुश रहने दिया जाए, जबकि हकीकत यह है कि ऑपरेशन सिंदूर ने उसकी रक्षा क्षमताओं की पोल खोल दी है.
कुल मिलाकर, यह ऑपरेशन भारतीय वायुसेना की दूरदर्शिता, तकनीकी बढ़त और रणनीतिक क्षमता का सटीक उदाहरण है.
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