एशिया पैसिफिक फाउंडेशन ऑफ कनाडा की उपाध्यक्ष वीना नदजीबुल्ला ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी-7 सम्मेलन में बुलाने के लिए बाकी देशों की ओर से जोरदार कोशिश की गई थी। उन्होंने बताया कि जी-7 के छह सदस्य भारत के साथ अपने रणनीतिक, रक्षा और आर्थिक रिश्ते मजबूत करना चाहते हैं।
कनाडा इस मामले में थोड़ा अलग है, लेकिन बाकी देशों जैसे फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका भारत के साथ सहयोग बढ़ाने में दिलचस्पी रखते हैं। यही वजह है कि भारत को जी-7 बातचीत में शामिल करना जरूरी हो गया।
वीना ने यह भी कहा कि यह कोई 'तोहफा' नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर हितों और मूल्यों को बढ़ाने का तरीका है। कूटनीति का यही मतलब होता है – अपने हितों को समझदारी से आगे बढ़ाना।
यह बयान प्रधानमंत्री मोदी को जी-7 सम्मेलन में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजे जाने के बाद आया है। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने मोदी को यह निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार भी कर लिया।
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत-कनाडा संबंधों में आई तल्खी को लेकर पूछे गए सवाल पर कार्नी ने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इतनी बड़ी शक्ति को इस बैठक का हिस्सा बनाना समझदारी है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत और कनाडा अब कानून-व्यवस्था से जुड़ी बातचीत दोबारा शुरू करने पर सहमत हुए हैं।
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