दुनिया तेजी से बदल रही है और अब बदलाव की लहर शिक्षा जगत तक पहुंच गई है. पारंपरिक स्कूलों में जहां बच्चे घंटों तक एक ही जगह बैठकर पढ़ाई करते हैं, वहीं अब एक ऐसा स्कूल सामने आया है जिसने शिक्षा देने का तरीका ही बदल दिया है. इस स्कूल का नाम है Alpha School, जहां बच्चों को पढ़ाने का काम इंसान नहीं बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) करता है.
अल्फा स्कूल का सबसे अनोखा मॉडल ये है कि बच्चों को रोजाना के सारे टॉपिक्स सिर्फ दो घंटे में पूरे कराए जाते हैं. इस तरह छात्रों को बाकी समय रियल-लाइफ स्किल्स, स्पोर्ट्स और क्रिएटिव प्रोजेक्ट्स पर काम करने का मौका मिलता है. ये तरीका बच्चों की प्रैक्टिकल सोच और वास्तविक दुनिया से जुड़ाव को मजबूत करता है.
टेक्सास के अरबपति और अल्फा स्कूल के एक्टिंग प्रिंसिपल Joe Liemandt बताते हैं कि यह स्कूल बच्चों को सिर्फ पढ़ाता ही नहीं बल्कि उन्हें कमाने का मौका भी देता है. यहां अच्छे परफॉर्मेंस पर बच्चों को इनाम के रूप में पैसे दिए जाते हैं. इन पैसों का इस्तेमाल वे अपनी पसंद के प्रोजेक्ट्स और शौकों को पूरा करने में कर सकते हैं. इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है और पढ़ाई के प्रति रुचि भी.
इस स्कूल में पारंपरिक टीचर्स नहीं होते, बल्कि गाइड्स होते हैं. इनका काम बच्चों को पढ़ाना नहीं बल्कि उनकी सीखने की यात्रा में मार्गदर्शन करना है. गाइड बच्चों की जरूरत और उनकी क्षमता के अनुसार उन्हें सही रास्ता दिखाने में मदद करते हैं.
अल्फा स्कूल पिछले एक दशक से काम कर रहा है और इसे कई अरबपतियों और प्रभावशाली लोगों का समर्थन मिला है. माना जा रहा है कि यह मॉडल आने वाले समय में शिक्षा में एक नई क्रांति ला सकता है. यहां पढ़ाई को न केवल तेज़ और प्रभावी बनाया गया है, बल्कि बच्चों को ज्यादा इनोवेटिव, प्रैक्टिकल और एक्सप्रेसिव बनने का मौका भी दिया जा रहा है.
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