Dates Benefits : खजूर एक ऐसा फल है जो अपने मीठे स्वाद, गूदेदार बनावट और भरपूर पोषक तत्वों के कारण दुनिया भर में पसंद किया जाता है. इसे लोग ताजा भी खाते हैं और सूखे फलों के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं. मिठाइयों, स्मूदी, केक और डेजर्ट में नेचुरल स्वीटनर के रूप में खजूर की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. लेकिन जब बात डायबिटीज मरीजों की आती है, तो सवाल उठता है – क्या उनके लिए खजूर सुरक्षित है?
न्यूट्रीशियन व कीटो डाइट कोच स्वाति सिंह बताती हैं कि खजूर में प्राकृतिक शुगर यानी फ्रुक्टोज और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, जो ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकती है. हालांकि, इसमें मौजूद डाइटरी फाइबर कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण की गति को धीमा कर देता है, जिससे शुगर लेवल अचानक नहीं बढ़ता. डायबिटीज मरीज अगर मीठा खाने की क्रेविंग महसूस करें, तो नाश्ते के बाद या किसी हेल्दी मील के साथ 1 खजूर खाया जा सकता है, बशर्ते उसका GI (ग्लाइसेमिक इंडेक्स) कम हो.
साधारण खजूर का GI 55.2 से 74.6 के बीच होता है. डायबिटीज मरीजों को आमतौर पर 55 से कम GI वाला खाना खाने की सलाह दी जाती है. हालांकि, कुछ किस्मों के खजूर जैसे –
शकरा (GI 42.8) सुक्करी (GI 43.4) सागई (GI 44.6) इनका GI कम होने के कारण इन्हें सीमित मात्रा में खाया जा सकता है. इसके अलावा, खजूर का GL (ग्लाइसेमिक लोड) 8.5 से 24 तक होता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितनी मात्रा में खा रहे हैं.
सीमित मात्रा में खजूर खाने से न सिर्फ मीठे की क्रेविंग पूरी होती है, बल्कि शरीर को कई फायदे भी मिलते हैं –
फाइबर का अच्छा स्रोत – पाचन तंत्र को मजबूत करता है और कब्ज से बचाता है. विटामिन और मिनरल्स – इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम, और बी-विटामिन्स मौजूद होते हैं. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर – सूजन कम करने और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ने में मदद करता है. इम्यूनिटी बूस्टर – रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करता है. हार्ट हेल्थ सपोर्ट – कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित रखने में सहायक.
स्वस्थ व्यक्ति रोजाना 2-3 खजूर आराम से खा सकते हैं. डायबिटीज मरीजों के लिए यह मात्रा 1-2 खजूर तक सीमित होनी चाहिए और वह भी भोजन के साथ या बाद में, ताकि ब्लड शुगर पर असर कम हो.
खजूर मीठा जरूर है, लेकिन इसका फाइबर, मिनरल्स और विटामिन्स से भरपूर होना इसे हेल्दी बनाता है. डायबिटीज मरीज इसे सीमित मात्रा में, सही समय पर और कम GI वाली किस्म का चुनकर खा सकते हैं, ताकि मीठे का स्वाद भी मिले और सेहत भी बनी रहे.
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