सावन का महीना शिवभक्तों के लिए बेहद पावन होता है. इस दौरान लोग ‘सोलह सोमवार’ व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं. लेकिन उपवास का असली फल तभी मिलता है जब उसे सही नियमों के साथ किया जाए. अक्सर लोग व्रत करते समय ऐसी कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जो न सिर्फ शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं बल्कि श्रद्धा के साथ खिलवाड़ भी करती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं सावन सोमवार के व्रत के दौरान किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए.
व्रत खोलते समय लोग अक्सर पूड़ी, पकौड़ी जैसे तले-भुने भोजन का सेवन करते हैं. लेकिन यह आदत व्रत के लाभ को नुकसान में बदल सकती है. इससे गैस, अपच और एसिडिटी हो सकती है. इसके बजाय साबूदाने की खीर, लौकी की खिचड़ी या फलाहार लें. सावन के मौसम में उमस बहुत होती है. व्रत के दौरान पर्याप्त पानी ना पीने पर डिहाइड्रेशन, थकावट और चक्कर आना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. नारियल पानी, छाछ या फलों का रस लेकर खुद को हाइड्रेट रखें.
उपवास का अर्थ यह नहीं कि आप पूरा दिन भूखे रहें. इससे पेट की समस्याएं और कमजोरी हो सकती है. फल, खीरा, केला जैसे हल्के फलाहार से ऊर्जा मिलती है और पूजा में मन भी लगता है. फलाहार में पानी वाले फल जैसे तरबूज, पपीता और खीरा जरूर लें. वहीं बादाम, अखरोट और किशमिश जैसे ड्राई फ्रूट्स लंबे समय तक भूख नहीं लगने देते और शरीर को ताकत देते हैं.
व्रत के दिन ज्यादा थकान वाले कार्य या शारीरिक मेहनत करने से आप जल्दी थक सकते हैं, जिससे व्रत में मन नहीं लगता. आराम करें और भक्ति में लीन रहें. व्रत खोलने का समय और तरीका भी महत्वपूर्ण होता है. सूरज ढलने से पहले हल्का फलाहार लेकर व्रत समाप्त करना शरीर के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है.
सिर्फ खानपान नहीं, मन की शुद्धता भी जरूरी है. व्रत के दौरान गुस्सा, झूठ और दिखावे से दूर रहें. पूजा में मन लगाएं और मंत्र जाप करें. सावन सोमवार का व्रत तभी फलदायी होता है जब आप शरीर और मन दोनों को संयमित रखें. सही खानपान, पर्याप्त आराम और सच्ची भक्ति के साथ किया गया व्रत भोलेनाथ की कृपा दिला सकता है.
(Disclaimer: यह स्टोरी सामान्य जानकारियों पर आधारित है. किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या में विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.)
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