आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बच्चों की डाइट भी तेजी से बदल रही है. घर के पोष्टिक खाने की जगह अब बर्गर, पिज्जा, चिप्स और कोल्ड ड्रिंक्स जैसे जंक फूड्स बच्चों की पहली पसंद बन चुके हैं. स्वाद में भले ही यह फूड्स बच्चों को लुभाएं, लेकिन इनके पीछे छिपा खतरा बहुत बड़ा है. हाल ही में आई रिसर्च से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जरूरत से ज्यादा जंक फूड का सेवन बच्चों की आंखों की रोशनी तक छीन सकता है. अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो यह आदत अंधेपन तक का कारण बन सकती है.
जंक फूड में आंखों के लिए जरूरी पोषक तत्व, विटामिन ए, सी, ई, ओमेगा-3 फैटी एसिड और जिंक की भारी कमी होती है. इन पोषक तत्वों की कमी से बच्चों की आंखों की कोशिकाएं कमजोर पड़ने लगती हैं. नतीजा यह होता है कि आंखों में जलन, सूखापन, धुंधलापन और रोशनी की कमी जैसी समस्याएं धीरे-धीरे उभरने लगती हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि विटामिन A और ओमेगा-3 फैटी एसिड की लगातार कमी रेटिना को डैमेज कर सकती है. अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो आंखों की नसें भी डैमेज हो सकती हैं और बच्चा धीरे-धीरे अंधेपन की ओर बढ़ सकता है.
1. जंक फूड की जगह संतुलित आहार दें: बच्चों को हेल्दी खाने की आदत डलवाएं जिसमें हरी सब्जियां, दालें, अनाज और मौसमी फल हों.
2. आंखों के लिए जरूरी फूड शामिल करें: गाजर, पालक, दूध, अंडा, अखरोट और मछली जैसी चीजें रोजाना डाइट में शामिल करें.
3. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं: स्क्रीन टाइम कम करें और बच्चों को खेलने-कूदने के लिए प्रेरित करें.
4. नियमित आंखों की जांच: साल में कम से कम एक बार नेत्र रोग विशेषज्ञ से बच्चों की आंखों की जांच करवाएं.
5. आंखों के व्यायाम कराएं: डॉक्टर की सलाह से हल्के व्यायाम कराएं जिससे आंखों की मांसपेशियां मजबूत बनी रहें.
बच्चों की आंखों की रोशनी अनमोल है. एक गलत आदत उनकी जिंदगी में अंधेरा ला सकती है. इसलिए आज ही सेहतमंद डाइट अपनाएं और बच्चों को जंक फूड से दूर रखें.
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