यह घटना दिल्ली के तिमारपुर इलाके में हुई, जिसने सभी को चौंका दिया। हुआ यूं कि ट्रैफिक पुलिस सब-इंस्पेक्टर सुरज पाल सिंह 24 सितंबर की दोपहर वजीराबाद फ्लाईओवर पर वीआईपी रूट की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने एक स्कूटी पर सवार दो लोगों को बिना हेलमेट जाते देखा। उन्होंने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन दोनों गाली-गलौज करते हुए भाग निकले।
सिंह ने हार नहीं मानी और पीछा किया। आखिरकार सिग्नेचर ब्रिज के पास दोनों को रोक लिया गया। यहीं से मामला बिगड़ गया। दोनों युवकों ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते वहां भीड़ जमा हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि सब-इंस्पेक्टर पर हमला कर दिया गया। पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारे गए, धक्का दिया गया, वर्दी तक फाड़ दी गई। उन्हें गंभीर चोटें आईं और तुरंत अस्पताल ले जाना पड़ा।
हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसमें साफ दिख रहा है कि पुलिस अधिकारी पर भीड़ हाथापाई कर रही है और बाकी लोग सिर्फ खड़े होकर तमाशा देख रहे हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। वहां मौजूद लोगों ने दो हमलावरों को पकड़ लिया, जिनकी पहचान सलमान (30, संत नगर, बुराड़ी) और अकबर हुसैन (26, भजनपुरा) के रूप में हुई। स्कूटी का पता लगाकर पुलिस ने बाकी आरोपियों की भी तलाश शुरू की। छापेमारी में इमरान (20) और मोहम्मद अफसर (20) को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
जांच के दौरान चौंकाने वाली बात सामने आई। इन दोनों ने कबूल किया कि उन्होंने भीड़ को भड़काने के लिए झूठ फैलाया कि पुलिस अधिकारी ने उन पर सांप्रदायिक टिप्पणी की है। पुलिस के मुताबिक, यह कदम माहौल बिगाड़ने और तनाव फैलाने के लिए उठाया गया था। इसी कारण केस में सख्त धाराएं लगाई गई हैं।
पुलिस ने सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने और अधिकारी को चोट पहुंचाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। हमले का वीडियो भी सबूत के तौर पर रखा गया है। गिरफ्तार किए गए चारों अलग-अलग काम करते हैं – कोई दर्जी है, कोई अंडे बेचता है और कोई घर से बिजनेस करता है। फिलहाल बाकी फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।
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