दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राजधानी के 6 सरकारी अस्पतालों में 150 नई हेमोडायलिसिस मशीनें लगाई गई हैं। इन मशीनों के लगने से गुर्दे की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को समय पर डायलिसिस की सुविधा मिलेगी और उन्हें लंबे इंतजार से छुटकारा मिलेगा।
अधिकारियों का कहना है कि नई मशीनों की मदद से हर दिन 1500 से ज्यादा मरीजों का डायलिसिस किया जा सकेगा। इस पहल से न केवल मरीजों को राहत मिलेगी बल्कि अस्पतालों पर दबाव भी कम होगा।
सरकारी बयान के अनुसार, सबसे ज्यादा 55 डायलिसिस मशीनें बुराड़ी अस्पताल को दी गई हैं। इसके बाद जनकपुरी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को 45, अंबेडकर नगर अस्पताल को 25, डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल को 10, संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल को 5 और जग प्रवेश चंद्र अस्पताल को 10 मशीनें दी गई हैं। नई मशीनों के जुड़ने के बाद अब दिल्ली सरकार के अस्पतालों में कुल डायलिसिस मशीनों की संख्या बढ़कर 300 हो गई है।
डायलिसिस करवा रहे मरीज भी इस बदलाव से काफी खुश हैं। बुराड़ी अस्पताल में इलाज करा रहे मरीज राजेश कुमार ने बताया कि पहले डायलिसिस के लिए उन्हें और अन्य मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब समय पर इलाज मिलने से उनकी परेशानी कम हो गई है। उनका कहना है कि इससे मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है।
दिल्ली सरकार ने बताया कि यह कदम ‘सेवा पखवाड़ा 2025’ पहल के तहत उठाया गया है। इस कार्यक्रम का मकसद है कि मरीजों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं दी जा सकें। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि इन नई मशीनों से अस्पतालों में वेटिंग टाइम काफी हद तक कम हो जाएगा और गंभीर मरीजों को तुरंत इलाज मिल सकेगा।
कुल मिलाकर, दिल्ली सरकार की यह पहल उन हजारों मरीजों के लिए राहत भरी है जो डायलिसिस पर निर्भर हैं। समय पर इलाज मिलने से उनकी जिंदगी आसान होगी और अस्पतालों का बोझ भी कम होगा।
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