पंजाब की राजनीति इन दिनों बाढ़ राहत कार्यों को लेकर गरमाई हुई है। विशेष विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री भगवंत मान और विपक्ष आमने-सामने आ गए। सीएम मान ने कहा कि ऐसे नेता लोगों के साथ विश्वासघात कर रहे हैं और जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी। मान के मुताबिक, यह सत्र बाढ़ राहत और पुनर्वास पर चर्चा के लिए बुलाया गया था, लेकिन विपक्ष ने इसे सरकार पर हमला करने का मंच बना दिया।
कांग्रेस विधायक और विपक्ष के नेता प्रताप बाजवा ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) की स्थिति पर सवाल उठाए। विपक्ष ने सरकार पर बांधों से पानी छोड़ने और नदियों की सफाई में चूक का आरोप लगाया। उनका कहना था कि प्रशासन ने समय पर सही फैसले नहीं लिए, जिससे बाढ़ की स्थिति और बिगड़ी।
मुख्यमंत्री मान ने साफ कहा कि बाढ़ प्राकृतिक आपदा है, इसे मानव निर्मित समस्या बताना गलत है। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने नालों की सफाई पहले से कहीं ज्यादा की है। पिछली सरकार ने जहां 2,066 किलोमीटर नालों की सफाई की थी, वहीं उनकी सरकार ने सिर्फ तीन साल में 3,825 किलोमीटर की सफाई करवाई है। इसके अलावा, घग्गर नदी की सफाई से इस बार भारी बारिश के बावजूद वहां बाढ़ नहीं आई।
मान ने कहा कि राज्य ने बार-बार केंद्र से भाखड़ा और पौंग बांधों से गाद निकालने की मांग की है, लेकिन 70 साल से इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने भारतीय मौसम विभाग (IMD) की भविष्यवाणियों पर भी सवाल उठाए। मान के मुताबिक, विभाग की भविष्यवाणी पूरी तरह गलत साबित हुई क्योंकि एक दिन में अनुमान से 1,961% ज्यादा बारिश हुई।
सीएम मान ने कहा कि इस समय राजनीति छोड़कर सभी पंजाबियों को एकजुट होकर राज्य के पुनर्निर्माण के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने विपक्ष से आरोप-प्रत्यारोप बंद करने की अपील करते हुए कहा कि सरकार बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए हरसंभव कदम उठा रही है।
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