दीवाली का त्योहार नजदीक है और हर घर में सजावट की तैयारियां जोरों पर हैं. घरों की सफाई, दीयों की जगमगाहट और फूलों की सजावट के बीच एक अहम परंपरा होती है रंगोली बनाने की. माना जाता है कि रंगोली न सिर्फ घर की सुंदरता बढ़ाती है, बल्कि मां लक्ष्मी को आकर्षित करने का माध्यम भी है. हालांकि वास्तु शास्त्र में रंगोली बनाने से जुड़े कुछ खास नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में रंगोली बनाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. यह घर में खुशहाली, सौभाग्य और समृद्धि लाती है. दीवाली पर रंगोली बनाना मां लक्ष्मी के स्वागत का प्रतीक माना जाता है.
कमरे के अंदर: किसी भी कमरे के भीतर रंगोली बनाना शुभ नहीं माना जाता.
बेडरूम में: यह स्थान निजी होता है, यहां रंगोली बनाना वास्तु दोष का कारण बन सकता है.
मेन गेट के अंदरूनी हिस्से में: प्रवेश द्वार के अंदर रंगोली बनाना अशुभ प्रभाव डाल सकता है.
बाथरूम या उसके आसपास: यह क्षेत्र गंदगी से जुड़ा होता है, इसलिए यहां रंगोली नहीं बनानी चाहिए.
घर के कोनों में: कोनों पर बनाई गई रंगोली जल्दी खराब हो जाती है और यह वास्तु के हिसाब से उचित नहीं है.
मुख्य द्वार पर: दीवाली की शाम घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर रंगोली बनाना बेहद शुभ माना जाता है. यह मां लक्ष्मी के स्वागत का संकेत है.
आंगन या बरामदे में: यहां बनी रंगोली पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलाती है.
रंगोली के डिजाइन में सावधानी: देवी-देवताओं की आकृति न बनाएं. स्वास्तिक, कमल, फूल-पत्तियों या ज्योति जैसे शुभ चिन्ह बनाना ज्यादा लाभकारी होता है.
दीवाली पर सही जगह रंगोली बनाने से घर में सुख-समृद्धि आती है. मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और घर का वातावरण शांत व सकारात्मक रहता है. इसलिए इस बार दीवाली पर रंगोली बनाते समय वास्तु नियमों का ध्यान जरूर रखें ताकि घर में खुशियों और समृद्धि की रोशनी बनी रहे.