डिजिटल युग में जहां स्मार्टफोन हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं, वहीं साइबर अपराधों की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने मोबाइल यूजर्स को सतर्क रहने की सलाह दी है. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने एक चेतावनी जारी की है, जिसमें कुछ खतरनाक ऐप्स को तुरंत हटाने की सलाह दी गई है.
सरकार के अनुसार, AnyDesk, TeamViewer, QuickSupport जैसे स्क्रीन शेयरिंग ऐप्स को साइबर अपराधी धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. ये ऐप्स किसी भी व्यक्ति को आपके मोबाइल की लाइव स्क्रीन देखने की अनुमति दे सकते हैं, जिससे वह आपकी बैंकिंग ट्रांजैक्शन, OTP, पासवर्ड जैसी संवेदनशील जानकारियों को देख और चुरा सकते हैं.
जब आप स्क्रीन शेयरिंग ऐप इंस्टॉल करते हैं, तो ये ऐप्स कई तरह की अनुमतियां मांगते हैं. अधिकतर यूजर्स बिना पढ़े सभी परमिशन दे देते हैं. इसके बाद हैकर आपकी स्क्रीन को रियल टाइम में देख सकता है और बैंकिंग ट्रांजेक्शन के समय पासवर्ड या OTP का इस्तेमाल करके अकाउंट खाली कर सकता है.
सरकार ने नागरिकों को स्पष्ट तौर पर कहा है:
1 यदि आपके फोन में ऐसे ऐप्स पहले से इंस्टॉल हैं, तो तुरंत हटाएं.
2 इन ऐप्स को दोबारा कभी भी डाउनलोड न करें.
3 किसी भी अनजान लिंक या कॉल के माध्यम से ऐप इंस्टॉल न करें.
4 स्क्रीन शेयरिंग ऐप का उपयोग केवल भरोसेमंद स्रोत से ही करें.
1 सोशल मीडिया की प्राइवेसी सेटिंग्स मजबूत करें.
2 बैंकिंग ऐप्स का इस्तेमाल करते समय किसी को भी फोन एक्सेस न दें.
3 पर्सनल जानकारी सार्वजनिक प्लेटफॉर्म्स पर शेयर न करें.
अगर आप किसी ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, तो तुरंत www.cybercrime.gov.in पर जाकर रिपोर्ट करें या 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें. सरकार की यह चेतावनी हर मोबाइल यूजर के लिए एक जरूरी अलार्म है. तकनीक ने जहां हमारी ज़िंदगी आसान बनाई है, वहीं खतरे भी बढ़े हैं. सावधानी और सतर्कता ही साइबर अपराध से बचने का सबसे असरदार हथियार है.
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