सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को साल 2022 में आचार संहिता के उल्लंघन और भड़काऊ भाषण देने के मामले में दो साल की कैद और 11,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। यह फैसला शनिवार को मऊ जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाया।
फैसले के बाद अंसारी के वकील एडवोकेट दरोगा सिंह ने मीडिया से बातचीत में कोर्ट के निर्णय पर असहमति जताई और कहा कि वे इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा, "जब यह केस दर्ज हुआ था, तब अधिकतम सजा छह महीने थी। लेकिन बाद में धारा बढ़ाई गई और अब दो साल की सजा दे दी गई है। हम इस आदेश के खिलाफ अपील करेंगे।"
इस मामले में अभियोजन पक्ष के संयुक्त निदेशक चंद्रकेश राय ने बताया कि अंसारी पर धारा 153A और 171F के तहत आरोप सिद्ध हुए हैं। उन्होंने कहा कि दोष सिद्ध होने पर न केवल सजा होती है, बल्कि विधानसभा सदस्यता भी खतरे में पड़ सकती है।
गौरतलब है कि अब्बास अंसारी मृत माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र हैं। इस केस में अंसारी के करीबी मंसूर अंसारी को भी छह महीने की सजा दी गई है।
मामला मार्च 2022 का है, जब मऊ के कोतवाली थाने में अंसारी, उनके भाई उमर अंसारी और आयोजक मंसूर अहमद अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप था कि 3 मार्च 2022 को पहाड़पुरा मैदान में आयोजित जनसभा में मऊ प्रशासन के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए गए।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिसंबर 2023 में अंसारी की अग्रिम ज़मानत अर्जी को खारिज कर दिया था। उन्होंने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया था।
अब्बास अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी गठबंधन के तहत मऊ सदर सीट से जीत दर्ज की थी।
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