पंजाब सरकार ने राज्य से नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने के अपने संकल्प को और मजबूत करते हुए ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान को अब नए चरण में ले जाने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने लुधियाना से इस जनजागृति अभियान के दूसरे चरण की विधिवत शुरुआत करते हुए पूरे राज्य को नशे के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया है.
सरकार की योजना है कि हर गांव और शहरी वार्ड स्तर पर डिफेंस कमेटियों का गठन किया जाए जो अपने-अपने इलाके में नशे के खिलाफ निगरानी और जागरूकता का काम करेंगी. इस मॉडल को ‘जनसहभागिता से जनसुरक्षा’ का नाम दिया गया है, जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर एक ठोस सामाजिक चेतना विकसित करना है.
‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान के तहत अब गांव और शहरी वार्डों में विशेष डिफेंस कमेटियों का गठन किया जाएगा. सरकार के अनुसार, इन कमेटियों की सदस्य संख्या उस क्षेत्र की आबादी पर निर्भर करेगी. हर कमेटी में कम से कम 10 और अधिकतम 20 सदस्य होंगे.
कमेटियों में शामिल होने के लिए पात्र व्यक्तियों में सेवानिवृत्त सैनिकों, स्कूल अध्यापकों और ग्राम स्तर के नंबरदारों को प्राथमिकता दी जाएगी. सरकार का मानना है कि ये लोग समाज में प्रभावशाली भूमिका निभाते हैं और नशे के खिलाफ सकारात्मक माहौल बनाने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं.
इन डिफेंस कमेटियों को न केवल नशे की गतिविधियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी जाएगी, बल्कि यह सुनिश्चित करने का भी कार्य होगा कि उनके क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति नशे की गिरफ्त में न आए. इसके लिए कमेटियों को स्थानीय पुलिस और प्रशासन से समन्वय स्थापित करने की जिम्मेदारी भी दी गई है।लुधियाना से अभियान की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, अब समय आ गया है कि हर पंजाबी इस जंग का सिपाही बने। नशा हमारी नसों को खोखला कर रहा है और इसे रोकना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है. डिफेंस कमेटियां इस लड़ाई की पहली पंक्ति होंगी.
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