हर साल 28 जुलाई को विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस (World Nature Conservation Day) मनाया जाता है। इस दिन का मकसद यह है कि लोगों को प्राकृतिक संसाधनों की अहमियत के बारे में बताया जाए और उन्हें यह समझाया जाए कि हमें प्रकृति की चीज़ों को कैसे संभालकर और समझदारी से इस्तेमाल करना चाहिए।
हमारी धरती पर बहुत सारे कीमती प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं, जैसे –
हवा,
पानी,
सूरज की रोशनी,
मिट्टी,
पेड़-पौधे,
खनिज (जैसे सोना, लोहा, कोयला आदि)
और तेल और गैस जैसे ईंधन।
आज दुनिया की जनसंख्या लगभग 8 अरब के करीब पहुंच गई है। इतनी बड़ी आबादी के लिए हर दिन इन प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग बढ़ता जा रहा है। लोग बिजली, पानी, खाना, ईंधन, लकड़ी और दूसरी चीज़ों का बिना सोच-समझ के इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि इन संसाधनों की कमी होती जा रही है और अगर हम अब भी नहीं संभले, तो आने वाले समय में इनका मिलना बहुत मुश्किल हो जाएगा।
प्राकृतिक संसाधनों का खत्म होना सिर्फ एक पर्यावरण की समस्या नहीं है, बल्कि यह हमारी जिंदगी से जुड़ा बड़ा खतरा बन सकता है। अगर पानी, हवा, मिट्टी और पेड़ों की कमी हो गई, तो हमारा जीवन जीना बहुत कठिन हो जाएगा। इसलिए हमें इन संसाधनों को बचाने की जरूरत है।
हम क्या कर सकते हैं? पानी और बिजली की बचत करें।
प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करें और रिसायक्लिंग को बढ़ावा दें।
ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं।
प्रकृति के साथ साफ-सफाई और संतुलन बनाए रखें।
बच्चों और दूसरों को भी प्रकृति की देखभाल के बारे में बताएं।
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस हमें यह याद दिलाता है कि अगर हम आज से ही ध्यान दें, तो हम अपने आने वाले भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं। प्रकृति हमें बहुत कुछ देती है, अब हमारी बारी है कि हम उसका ख्याल रखें।
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