पंजाब और आसपास के इलाकों में लगातार बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी की वजह से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। कई ज़िलों में बाढ़ ने भारी तबाही मचा दी है। मौसम विभाग और पौंग बांध से मिले पूर्वानुमानों के अनुसार पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है। इसी कारण बीबीएमबी ने बांध की सुरक्षा को देखते हुए गुरुवार दोपहर करीब एक लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का फैसला किया। इस बारे में पहले ही पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कई ज़िलों को अलर्ट जारी कर दिया गया है।
हिमाचल के कांगड़ा ज़िले के इंदौरा इलाके में ब्यास नदी के किनारे बसे 17 पंचायतों को खाली करने का आदेश दिया गया है। प्रशासन ने पंचायत सचिवों और स्थानीय कर्मचारियों को घर-घर जाकर लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुँचाने की जिम्मेदारी दी है। लोगों को दोपहर तक गांव छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।
पंजाब और जम्मू में हालात को देखते हुए वायुसेना भी राहत कार्यों में जुट गई है। बाढ़ से घिरे लोगों को निकालने और जरूरी सामान पहुँचाने के लिए पांच हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। पठानकोट में फंसे 46 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, जबकि डेरा बाबा नानक में फंसे सेना के 38 जवान और बीएसएफ के 10 जवानों को भी बचा लिया गया है। हेलीकॉप्टरों के जरिए अब तक 750 किलो राशन भी प्रभावित लोगों तक पहुँचाया गया है।
रणजीत सागर बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने की वजह से माधोपुर हेडवर्क्स और आसपास के इलाकों में भी पानी घुस गया। सुजानपुर के पास कई गाँव और जम्मू-जालंधर राष्ट्रीय राजमार्ग जलमग्न हो गया है। सड़क पर पानी भर जाने से यातायात पूरी तरह बाधित हो गया।
सुजानपुर के कई गांवों में लोग रातभर छतों पर फंसे रहे। एनडीआरएफ की टीमों ने सुबह राहत अभियान चलाकर 150 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला। इनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल थी जिसे स्ट्रेचर पर निकालकर एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया।
कुल मिलाकर, पंजाब और आसपास के इलाकों में बाढ़ की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। प्रशासन, सेना और राहत एजेंसियां लगातार कोशिश कर रही हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सके और उन्हें सुरक्षित जगहों पर पहुँचाया जा सके।
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