पंजाब में राशन कार्ड को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच विवाद गहराता जा रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मुद्दे पर पंजाबियों के नाम एक खुला पत्र लिखा है और कहा है कि भाजपा सरकार गरीबों का हक़ छीनने की तैयारी कर रही है। उन्होंने साफ कहा – “आपका भाई भगवंत मान आपके साथ खड़ा है, घबराने की जरूरत नहीं है।”
सीएम मान का आरोप है कि केंद्र सरकार पंजाब में करीब 8 लाख राशन कार्ड काटने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक पंजाब में 1.53 करोड़ लोगों को राशन मिल रहा था, लेकिन भाजपा सरकार ने 55 लाख लोगों का राशन बंद करने का फैसला किया है। इसमें से 23 लाख लोगों का राशन पहले ही जुलाई से यह कहकर बंद कर दिया गया कि उन्होंने ई-केवाईसी नहीं करवाई थी। अब सितंबर से लगभग 32 लाख और लोगों का राशन यह कहकर काटा जाएगा कि ये लोग “गरीब नहीं” हैं।
मान ने कहा कि यह सिर्फ सरकारी फैसला नहीं है, बल्कि गरीबों, मजदूरों और किसानों की थाली पर सीधा हमला है। भाजपा कह रही है कि जिन परिवारों के पास कार है, जो टैक्स भरते हैं या जिनके पास ढाई एकड़ से ज्यादा जमीन है, वे गरीब नहीं हैं। सीएम ने सवाल उठाया – “अगर किसी परिवार में एक बच्चा नौकरी करता है या किसी के पास पुरानी कार है, तो क्या पूरा परिवार अमीर हो गया? क्या उनका राशन छीन लेना सही है?”
उन्होंने कहा कि दिल्ली के एसी कमरों में बैठकर पंजाब के गाँवों के गरीब लोगों की हालत का अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता। केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार को असली स्थिति की जांच का समय तक नहीं दिया। यह साफ दिखाता है कि भाजपा किसी भी बहाने पंजाब से बदला लेना चाहती है।
सीएम ने भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार किसी भी परिवार का राशन कार्ड कटने नहीं देगी। “जब तक पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है, जब तक आपका भाई भगवंत मान मुख्यमंत्री है, किसी का हक़ नहीं छीना जाएगा। कोई बच्चा भूखा नहीं सोएगा, कोई माँ की रसोई खाली नहीं रहेगी।”
उन्होंने बताया कि अब तक 1.29 करोड़ लोगों का सत्यापन हो चुका है और बाकी काम अगले छह महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने केंद्र से समय मांगा है ताकि घर-घर जाकर सही जानकारी जुटाई जा सके।
अंत में मान ने कहा – “यह सिर्फ राशन की नहीं, बल्कि पंजाबियों के सम्मान की लड़ाई है। भाजपा पंजाब के साथ धक्केशाही कर रही है और पंजाबी कभी धक्केशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
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