क्रिकेट में पानी पिलाने वाले खिलाड़ी को भी मिलती है मोटी सैलरी! जानिए कितनी होती है 12वें प्लेयर की कमाई!

क्रिकेट में 12वें खिलाड़ी को सिर्फ पानी पिलाने तक सीमित नहीं रखा जाता. उसे रोजeना हजारों का भत्ता, ट्रैवल-होटल खर्च और IPL में पूरे कॉन्ट्रैक्ट की सैलरी मिलती है.

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अक्सर क्रिकेट मैच के दौरान आपने देखा होगा कि जब खिलाड़ी थक जाते हैं या ओवर खत्म होता है, तो मैदान पर एक खिलाड़ी पानी की बोतल लेकर दौड़ता हुआ आता है. ज्यादातर लोग मजाक में कहते हैं, "ये तो बस वॉटर बॉय है." लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये 12वां खिलाड़ी सिर्फ पानी पिलाने नहीं आता, बल्कि इसके पीछे एक जिम्मेदारी भरा रोल और अच्छी खासी कमाई भी छुपी होती है. आइए इस आर्टिकल में आसान भाषा में समझते हैं कि 12वें खिलाड़ी की भूमिका क्या होती है और उसे कितनी सैलरी मिलती है.

टीम में 12वें खिलाड़ी की अहम भूमिका

क्रिकेट टीम में 11 खिलाड़ी मैदान पर खेलते हैं, जबकि 12वां खिलाड़ी रिजर्व होता है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो बस पानी की बोतल लेकर आता है. 12वां खिलाड़ी मैच के दौरान कई अहम जिम्मेदारियां निभाता है:

खिलाड़ियों तक ड्रिंक्स और जरूरी गियर पहुंचाना. चोटिल खिलाड़ी की जगह फील्डिंग करना. टीम मैनेजमेंट के संदेश को खिलाड़ियों तक पहुंचाना. कभी भी खेलने के लिए तैयार रहना.

इसलिए वह हमेशा फिट और अलर्ट रहता है और टीम के लिए उतना ही जरूरी होता है जितना मैदान में खेलने वाला कोई अन्य खिलाड़ी.

BCCI के नियमों के अनुसार कितना मिलता है भुगतान?

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) खिलाड़ियों को तीन ग्रेड में बांटता है – A+, A और B. प्लेइंग इलेवन में शामिल खिलाड़ियों को: टेस्ट मैच के लिए ₹15 लाख. वनडे मैच के लिए ₹6 लाख. टी20 मैच के लिए ₹3 लाख दिए जाते हैं. लेकिन जो खिलाड़ी मैदान पर नहीं उतरता, यानी 12वां खिलाड़ी, उसे मैच फीस नहीं मिलती. इसके बजाय उसे मिलता है: टूर अलाउंस (Tour Allowance), डेली अलाउंस (Daily Allowance). BCCI के अनुसार, ये भत्ता लगभग ₹30,000 से ₹50,000 प्रतिदिन तक होता है. इसके अलावा ट्रैवल, होटल, खाना और मेडिकल खर्च भी बोर्ड उठाता है.

IPL में भी होती है मोटी कमाई

IPL यानी इंडियन प्रीमियर लीग में सैलरी का सिस्टम थोड़ा अलग होता है. यहां खिलाड़ी चाहे पूरे टूर्नामेंट में एक भी मैच न खेले, फिर भी उसे पूरा कॉन्ट्रैक्ट अमाउंट दिया जाता है.

उदाहरण के लिए: अगर किसी खिलाड़ी का IPL कॉन्ट्रैक्ट ₹5 करोड़ का है और वो पूरा सीजन बेंच पर बैठा रहता है, तब भी उसे वही पूरी रकम मिलेगी. इसलिए IPL में 12वें खिलाड़ी को भी बिना मैदान में उतरे भारी कमाई हो सकती है.

घरेलू क्रिकेट में भी नहीं होती अनदेखी

भारत में घरेलू टूर्नामेंट जैसे रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी 12वें खिलाड़ी को नजरअंदाज नहीं किया जाता.

उसे भी ₹25,000 से ₹35,000 प्रतिदिन का भत्ता मिलता है. यात्रा, रहने और खाने का खर्च भी एसोसिएशन द्वारा वहन किया जाता है. यानि, चाहे वो राष्ट्रीय टीम का हिस्सा हो, IPL में हो या घरेलू क्रिकेट में – पानी पिलाने वाला खिलाड़ी भी मुफ्त में नहीं दौड़ता.