BSF की बड़ी कार्रवाई: 1500 करोड़ की हेरोइन बरामद, 200 ड्रोन जब्त और 203 तस्कर गिरफ्तार

भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर नशे और हथियारों की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए बीएसएफ ने पिछले 10 महीनों में बड़ी कार्रवाई की है।

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भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर नशे और हथियारों की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए सीमा सुरक्षा बल (BSF) लगातार सख्त कदम उठा रही है। पिछले 10 महीनों में बीएसएफ ने तस्करों के खिलाफ एक के बाद एक बड़ी कार्रवाइयां करते हुए कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

203 तस्कर गिरफ्तार, 300 किलो हेरोइन जब्त

बीएसएफ के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 203 ड्रोन पकड़े गए हैं और लगभग 300 किलो हेरोइन बरामद की गई है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 1500 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इन ऑपरेशनों में बीएसएफ ने केंद्र और राज्य सरकार की सुरक्षा एजेंसियों, जैसे एनसीबी (Narcotics Control Bureau), एएनटीएफ और पंजाब पुलिस के साथ मिलकर काम किया। अब तक 203 तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है और कई मामलों की जांच जारी है।

विदेशी गिरोहों की साजिश और पंजाब को अस्थिर करने की कोशिश

सूत्रों के अनुसार, इन तस्करी नेटवर्क्स के पीछे विदेशों में बैठे अपराधी गिरोह सक्रिय हैं, जो भारत में अपने गुर्गों के माध्यम से हेरोइन, हथियार और विस्फोटक भेज रहे हैं। इनका मुख्य उद्देश्य पंजाब का माहौल बिगाड़ना और गैंगस्टरों को हथियारों की सप्लाई करना है। हाल ही में कई ऐसे केस सामने आए हैं जिनसे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान से भेजे गए हथियारों का उपयोग गैंगवार और आतंकी गतिविधियों में किया जाना था।

AK-47 की बरामदगी से बढ़ी चिंता, गैंगवार की आशंका

पिछले एक महीने में सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ी संख्या में AK-47 राइफलें भी पकड़ी हैं। माना जा रहा है कि ये हथियार पंजाब में गैंगस्टरों की आपसी लड़ाई और राज्य में अस्थिरता फैलाने के लिए भेजे गए थे। हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि कुल कितनी राइफलें सीमा पार से आई हैं, लेकिन जब्त हथियारों की संख्या खुद इस खतरे की गंभीरता को दर्शाती है।

एक्सप्लोसिव और ‘आइस ड्रग’ का बढ़ता ट्रेंड

बीते कुछ महीनों में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर हाई एक्सप्लोसिव और आइस ड्रग्स की आमद भी तेजी से बढ़ी है। आइस ड्रग्स का इस्तेमाल हाई-प्रोफाइल पार्टियों में किया जा रहा है, जबकि एक्सप्लोसिव का उपयोग आतंकी धमाकों में होने की आशंका जताई जा रही है। पंजाब में हाल ही में हुए पुलिस थानों पर बम धमाकों से संकेत मिलते हैं कि इन विस्फोटकों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए किया जा सकता था।

एंटी-ड्रोन सिस्टम को और मजबूत करने की जरूरत

बीएसएफ और अन्य एजेंसियों का कहना है कि एंटी-ड्रोन सिस्टम भले ही सीमाओं पर लगाए गए हैं, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए उन्हें और अपग्रेड करने की आवश्यकता है। तस्कर अब केवल हथियार और ड्रग्स ही नहीं, बल्कि पिस्तौल के पार्ट्स तक ड्रोन के जरिए भारत में भेज रहे हैं। लगातार बढ़ रही ड्रोन मूवमेंट इस बात का संकेत है कि सीमा पर सुरक्षा तंत्र को और अधिक सशक्त करने की जरूरत है।