डॉ. विजय सिंघल, जो कि दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में डर्मेटोलॉजिस्ट हैं, बताते हैं कि अंडरआर्म्स के कालेपन के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
हार्मोनल इंबैलेंस: शरीर में हार्मोन के असंतुलन से स्किन पिगमेंटेशन हो सकता है.
स्किन की सही सफाई न होना: गंदगी जमने और पसीने की वजह से स्किन काली दिख सकती है.
घर्षण या रगड़: ज्यादा टाइट कपड़े पहनने या बार-बार स्किन को रगड़ने से भी कालापन बढ़ सकता है.
केमिकल वाले प्रोडक्ट्स: डिओडोरेंट्स, परफ्यूम या क्रीम में मौजूद हार्श केमिकल्स भी स्किन को डार्क कर सकते हैं.
अगर अंडरआर्म्स में कालापन धीरे-धीरे बढ़ रहा हो, साथ ही खुजली, जलन या रैशेज दिखें — तो ये स्किन फंगल इंफेक्शन या डायबिटीज जैसी मेडिकल कंडीशन का संकेत हो सकता है. ऐसे लक्षण नजर आते ही किसी डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करना जरूरी है.
गर्मी के मौसम में अंडरआर्म्स से पसीना और बदबू आना आम बात है, लेकिन सही देखभाल से इससे बचा जा सकता है:
हर दिन साफ करें: नहाते वक्त अंडरआर्म्स को साबुन और पानी से अच्छे से धोएं. एक्सफोलिएशन करें: हफ्ते में दो बार स्क्रब का इस्तेमाल करें ताकि डेड स्किन हट सके. मॉइस्चराइज करें: नहाने के बाद हल्का मॉइस्चराइजर लगाएं जिससे स्किन सॉफ्ट बनी रहे. आरामदायक कपड़े पहनें: टाइट कपड़ों से बचें ताकि स्किन को घर्षण से नुकसान न हो.
हेल्दी स्किन सिर्फ बाहरी केयर से नहीं बल्कि अंदर से भी पोषण मांगती है. संतुलित आहार, भरपूर पानी और नियमित व्यायाम आपकी त्वचा को अंदर से हेल्दी बनाए रखते हैं.
अगर अंडरआर्म्स का कालापन आपकी चिंता का कारण बनता जा रहा है, तो इसे हल्के में न लें. समय रहते सही डर्मेटोलॉजिस्ट की सलाह लें और अपने शरीर के हर हिस्से की उतनी ही देखभाल करें जितनी चेहरे की करते हैं.
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