आज के समय में फिट रहना हर किसी की प्राथमिकता बन गया है. कोई जिम जाता है, तो कोई योग करता है या अपने खानपान पर ध्यान देता है. लेकिन फिटनेस की दुनिया में सबसे आसान और प्रभावी तरीका माना जाता है. वॉकिंग (चलना)। चलना न केवल शरीर की चर्बी घटाता है, बल्कि मानसिक शांति भी देता है.
समय के साथ वॉकिंग के कई नए तरीके लोकप्रिय हुए हैं, जैसे - ब्रिस्क वॉक, ट्रेडमिल वॉक, माउंटेन पोज वॉक, रिवर्स वॉक और नॉर्डिक वॉक. लोग अब स्मार्टवॉच की मदद से यह भी ट्रैक करते हैं कि वे पूरे दिन में कितने कदम चले हैं.
साल 2017 में की गई एक स्टडी के अनुसार, भारतीय औसतन 4,297 कदम प्रतिदिन चलते हैं. यह अध्ययन 111 देशों के 7 लाख से ज्यादा लोगों पर लगभग 95 दिनों तक किया गया था. इसमें हॉन्ग कॉन्ग, चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसे देश शामिल थे। इस रिपोर्ट में सामने आया कि भारत चलने के मामले में पीछे है, यानी बाकी देशों के लोग भारतीयों से ज्यादा सक्रिय हैं.
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, हर वयस्क व्यक्ति को सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की एरोबिक एक्टिविटी करनी चाहिए जैसे तेज चलना. इसे औसतन देखें तो व्यक्ति को रोजाना लगभग 2000 से 5000 कदम चलना चाहिए.
अगर कोई व्यक्ति सप्ताह में 300 मिनट तक वॉक करता है, तो यह और भी बेहतर माना जाता है. इसका असर हृदय, फेफड़ों और पूरे शरीर पर सकारात्मक रूप से पड़ता है.
लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें. गाड़ी थोड़ा दूर पार्क करें ताकि पैदल चलने का मौका मिले. फोन पर बात करते हुए टहलें. ऑफिस ब्रेक के दौरान छोटी वॉक करें. घर की सफाई या हल्के काम खुद करें इससे भी कदम बढ़ते हैं.
दिल्ली के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अजय कुमार के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 10,000 कदम चलने की कोशिश करनी चाहिए. हालांकि उम्र के हिसाब से इसमें फर्क किया जा सकता है -
5 से 10 साल के बच्चों को ज्यादा सक्रिय रहना चाहिए. 18 से 45 वर्ष के लोग रोजाना 9,000 से 11,000 कदम चलें. 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों के लिए 5,000–6,000 कदम पर्याप्त हैं.
अगर बुजुर्गों को कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है, क्योंकि अधिक चलने से हड्डियों या जोड़ों पर दबाव बढ़ सकता है.
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