उत्तराखंड की धार्मिक नगरी हरिद्वार को मोक्ष का द्वार कहा जाता है. गंगा किनारे बसा यह शहर केवल एक तीर्थ स्थल ही नहीं, बल्कि आस्था, अध्यात्म और शांति का अनोखा संगम है. जब भी हरिद्वार का नाम लिया जाता है, तो सबसे पहले हर की पैड़ी और गंगा आरती की छवि सामने आती है. लेकिन यह पवित्र शहर सिर्फ गंगा स्नान तक सीमित नहीं है.
हरिद्वार और इसके आसपास ऐसे कई प्राचीन और चमत्कारी मंदिर स्थित हैं, जिनकी मान्यता सदियों पुरानी है. इन मंदिरों के दर्शन से न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि जीवन के कष्ट भी दूर होने की मान्यता है. अगर आप हरिद्वार की यात्रा पर जा रहे हैं, तो हर की पैड़ी के अलावा इन खास मंदिरों में भी जरूर जाएं.
शिवालिक पर्वत श्रृंखला पर स्थित मनसा देवी मंदिर हरिद्वार का प्रमुख धार्मिक स्थल है. मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है. यहां तक पहुंचने के लिए रोपवे का उपयोग किया जाता है, और रास्ते में दिखने वाला प्राकृतिक नजारा आपके सफर को यादगार बना देगा.
नील पर्वत पर स्थित चंडी देवी मंदिर देवी चंडी को समर्पित है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, यहीं देवी ने शुंभ-निशुंभ राक्षसों का वध किया था. ऊंचाई पर बसे इस मंदिर से हरिद्वार का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है. यहां भी रोपवे के जरिए पहुंचा जा सकता है.
कनखल क्षेत्र में स्थित दक्ष महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. कहा जाता है कि यहीं पर देवी सती ने यज्ञ के दौरान स्वयं को अग्नि को समर्पित कर दिया था. यह स्थल शिवभक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है.
आठ मंजिला भारत माता मंदिर हरिद्वार की अनोखी पहचान है. यहां विभिन्न धर्मों, महापुरुषों और वीर सपूतों की मूर्तियां स्थापित हैं. यह मंदिर धार्मिकता और राष्ट्रभक्ति का अद्भुत संगम है.
हरिद्वार का माया देवी मंदिर तीन प्रमुख शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. यह स्थल देवी सती को समर्पित है और खासकर नवरात्रि तथा कुंभ के समय श्रद्धालुओं से भरा रहता है.
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