जैसे-जैसे दिवाली नजदीक आती है, हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है. दिल्ली और एनसीआर जैसे बड़े शहरों में सर्दियों के मौसम में अक्सर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक सीमा तक पहुंच जाता है. इस समय शहरों में धुंध और कोहरे जैसा माहौल देखने को मिलता है, जो केवल दृश्य तक सीमित नहीं रहता, बल्कि हमारे स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डालता है.
जब AQI स्तर बढ़ जाता है, तो सांस लेने में कठिनाई, खांसी, गले में खराश जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं. इसके अलावा आंखों में जलन, खुजली और सूखापन जैसी परेशानियां भी उत्पन्न हो सकती हैं. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग, बच्चे और बुजुर्ग इस समय सबसे अधिक प्रभावित होते हैं. वहीं, श्वास संबंधी बीमारियों से ग्रस्त लोगों की स्थिति और गंभीर हो सकती है.
प्रदूषण के उच्च स्तर में घर के बाहर जाने पर अच्छी क्वालिटी का मास्क पहनना बेहद जरूरी है. खासतौर पर उन लोगों के लिए जो रोजाना ऑफिस, स्कूल या अन्य जरूरी काम से बाहर जाते हैं. मास्क पहनने से हवा में मौजूद हानिकारक कणों से काफी हद तक सुरक्षा मिलती है.
यदि आपको पॉल्यूशन के कारण खांसी या गले में खराश हो रही है, तो रात में सोने से पहले भाप लेना बहुत फायदेमंद हो सकता है. यह न केवल श्वसन नलियों को साफ करता है, बल्कि गरारे करने से भी गले को आराम मिलता है. गर्म पानी और हर्बल काढ़े से यह प्रक्रिया और भी प्रभावी हो सकती है.
प्रदूषण केवल फेफड़ों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आंखों को भी प्रभावित करता है. ड्राइनेस, जलन, लालिमा और पानी आने जैसी समस्याएं आम हैं. इसलिए बाहर जाते समय सिर्फ मास्क ही नहीं, बल्कि चश्मा भी पहनना चाहिए. इससे आंखें यूवी किरणों और प्रदूषकों से सुरक्षित रहती हैं. किसी भी गंभीर समस्या में तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए.
प्रदूषण के बीच स्वस्थ रहने के लिए अपनी और परिवार की इम्यूनिटी मजबूत रखना अनिवार्य है. इसके लिए गिलोय का काढ़ा पीना, अदरक, तुलसी और लौंग जैसी हर्बल चाय का सेवन करना फायदेमंद रहता है. इसके अलावा सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीने से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
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