भारत में इन दिनों गर्मी का प्रकोप चरम पर है. तापमान लगातार बढ़ रहा है और ऐसे में एसी ही राहत का एकमात्र सहारा बन गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एसी का गलत इस्तेमाल न सिर्फ ज्यादा बिजली खर्च करवाता है, बल्कि उसकी कूलिंग पर भी असर डालता है? कई बातें ऐसी होती हैं जो एसी मैकेनिक भी आपको नहीं बताते, ताकि आपको बार-बार उनकी जरूरत पड़े. अगर आप इन टिप्स को जान लें, तो बिजली का बिल कम होगा और एसी की परफॉर्मेंस भी बेहतर होगी.
एसी एक हाई-पावर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसका सही मेंटेनेंस न करने पर इसका कंप्रेसर और कूलिंग सिस्टम जल्दी खराब हो सकता है. मैकेनिक आमतौर पर यह जरूरी बातें नहीं बताते, क्योंकि इससे उनकी सर्विस कॉल्स कम हो जाएंगी. इसलिए एसी चलाने से पहले इन बातों को समझना बेहद जरूरी है.
फिल्टर की सफाई हर छह महीने में करें. गंदा फिल्टर एयरफ्लो को रोकता है और कूलिंग कम हो जाती है. आउटडोर यूनिट की सफाई जरूरी है. धूल या गंदगी जमने से कंप्रेसर पर ज्यादा लोड पड़ता है, जिससे बिजली खर्च बढ़ता है.
एसी का तापमान हमेशा 24-26 डिग्री पर रखें. यह सबसे ज्यादा बिजली बचाने वाला तापमान है. ईको मोड का उपयोग करें. यह मोड बिजली खपत को कम करता है, लेकिन लोग अक्सर इसे अनदेखा कर देते हैं. ड्राई मोड का इस्तेमाल नमी वाले मौसम में करें. इससे हवा में मौजूद नमी कम होती है और एसी ज्यादा असरदार बनता है.
लगातार कई घंटों तक एसी न चलाएं. कमरा ठंडा होने के बाद इसे Fan Mode पर कर दें. रात में टाइमर सेट करें ताकि एसी पूरी रात न चले. आउटडोर यूनिट को छांव में रखें. धूप में यूनिट रखने से एसी को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. सीजन शुरू होने से पहले एसी सर्विस कराना जरूरी है. इससे कूलिंग बेहतर होगी और बिजली का खर्च कम होगा.
एसी चलाते समय दरवाजे और खिड़कियां पूरी तरह बंद रखें. अगर कमरे में सीलिंग में गैप है तो कूलिंग बाहर निकल जाएगी और बिल बढ़ जाएगा.
एसी का स्मार्ट इस्तेमाल न केवल आपके बिजली के बिल को कम करेगा, बल्कि एसी की लाइफ भी बढ़ाएगा. इन टिप्स को अपनाकर आप इस गर्मी को आराम से गुजार सकते हैं.
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