प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव को लेकर भारत की गहरी चिंता जताई और क्षेत्र में जल्द शांति और स्थिरता बहाल करने की आवश्यकता पर जोर दिया. पीएम मोदी ने ट्वीट में कहा, "मैंने भारत की चिंता साझा की और क्षेत्र में जल्द शांति और स्थिरता की आवश्यकता पर बल दिया.
इधर, इजरायल ने शुक्रवार को ईरान के परमाणु ठिकानों, बैलिस्टिक मिसाइल फैक्ट्रियों और सैन्य कमांडरों को निशाना बनाकर बड़ा हमला किया. इसे 1980 के ईरान-इराक युद्ध के बाद ईरान पर सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है. ईरानी मीडिया नूरन्यूज़ के मुताबिक, तेहरान में इजरायली हमलों के चलते अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है.
Received a phone call from PM @netanyahu of Israel. He briefed me on the evolving situation. I shared India's concerns and emphasized the need for early restoration of peace and stability in the region.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 13, 2025
इजरायल ने इस हमले को "ऑपरेशन राइजिंग लायन" नाम दिया है. पीएम नेतन्याहू ने इसे देश के इतिहास का निर्णायक क्षण बताया और कहा कि "हमने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के केंद्र पर वार किया है. भारत सरकार पहले ही बयान जारी कर कह चुकी है कि वह ईरान-इजरायल संघर्ष को लेकर "गंभीर रूप से चिंतित है और हालात पर करीबी नजर रखे हुए है।" सरकार ने दोनों देशों से तनाव बढ़ाने वाले किसी भी कदम से बचने की अपील की है.
नेतन्याहू ने इस बीच जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत कई वैश्विक नेताओं से समर्थन मांगा है। हालांकि अभी तक उनकी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कोई बात नहीं हुई है, लेकिन ट्रंप पहले ही ईरान को सख्त चेतावनी दे चुके हैं। उन्होंने कहा, "हमारे पास दुनिया के सबसे खतरनाक हथियार हैं और उनमें से कई अब इजरायल के पास हैं। ईरान को समझदारी से काम लेना चाहिए और समझौता करना चाहिए।"
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