पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने हाल ही में भारत के खिलाफ परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दी, जिस पर भारत ने कड़ा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान की यह आदत बन गई है कि वह परमाणु हथियारों का नाम लेकर डराने की कोशिश करता है, लेकिन भारत ऐसे ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाता रहेगा।
यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब मुनीर ने अमेरिका के फ्लोरिडा में पाकिस्तानी प्रवासियों के एक कार्यक्रम में कहा कि अगर भारत से कोई बड़ा खतरा हुआ तो पाकिस्तान परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है, जिससे भारत और आधी दुनिया तबाह हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि सिंधु जल संधि रद्द होने पर पाकिस्तान, भारत के बांधों को मिसाइलों से नष्ट कर देगा।
भारत ने इस बयान पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि यह बेहद गैर-जिम्मेदाराना है, खासकर जब यह बयान एक तीसरे, मित्र देश की धरती से दिया गया हो। मंत्रालय का कहना है कि पाकिस्तान की सेना आतंकवादी संगठनों के साथ जुड़ी हुई है, इसलिए उसके पास परमाणु हथियार होना खतरनाक है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस पर ध्यान देना चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान कई दशकों से परमाणु धमकियों का इस्तेमाल करता आया है और यही कारण है कि उसे एक गैर-जिम्मेदार परमाणु संपन्न देश माना जाता है। खतरा यह भी है कि उसकी परमाणु तकनीक या सामग्री आतंकियों के हाथ लग सकती है।
पाकिस्तान की सेना का राजनीति और सत्ता पर पूरा नियंत्रण है, और अमेरिकी समर्थन मिलने के बाद उसका रुख और आक्रामक हो जाता है। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दोनों देशों में चार दिन तक संघर्ष चला। हालांकि युद्धविराम हो गया, लेकिन भारत ने साफ किया है कि ऑपरेशन अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।
कुल मिलाकर, भारत ने साफ संदेश दिया है कि वह पाकिस्तान की परमाणु धमकियों से डरने वाला नहीं है और अपनी सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
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