प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिटेन दौरे के दौरान भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच बहुप्रतीक्षित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर गुरुवार को औपचारिक रूप से हस्ताक्षर होंगे. इस समझौते को पीएम मोदी की ब्रिटेन यात्रा की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। उनके साथ केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहेंगे.
यह व्यापार समझौता दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा. इसका उद्देश्य आयात-निर्यात शुल्क (टैरिफ) को कम या समाप्त करना, बाजार तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना और विभिन्न क्षेत्रों में निवेश और साझेदारी को प्रोत्साहित करना है.
1. वस्त्र और घरेलू कपड़ा
ब्रिटेन द्वारा भारतीय वस्त्रों और होम टेक्सटाइल्स पर 8-12% तक के शुल्क को समाप्त करने से भारत को बांग्लादेश और वियतनाम के मुकाबले प्रतिस्पर्धी बढ़त मिलेगी. इससे अगले तीन वर्षों में इस सेक्टर में 40% तक निर्यात वृद्धि की संभावना है. तिरुपुर, सूरत और लुधियाना इस निर्यात के प्रमुख केंद्र होंगे.
2. रत्न, आभूषण और चमड़ा
सोने और हीरे के आभूषणों तथा चमड़े के उत्पादों को अब ब्रिटेन में ड्यूटी-फ्री प्रवेश मिलेगा. इससे MSME और लग्जरी उत्पाद निर्माताओं को बड़ा फायदा होगा. साथ ही, यूरोप के बाजारों में भी विस्तार की संभावनाएं बढ़ेंगी.
3. इंजीनियरिंग सामान और ऑटो पुर्जे
ब्रिटेन भारतीय मशीनों, टूल्स और वाहन कलपुर्जों पर आयात शुल्क हटा देगा, जिससे भारत यूके और ईयू की ऑटोमोटिव सप्लाई चेन में बेहतर भागीदारी कर सकेगा. पुणे, चेन्नई और गुरुग्राम मुख्य उत्पादन केंद्र होंगे.
4. आईटी और प्रोफेशनल सेवाएं
इंजीनियरिंग, अकाउंटिंग, आर्किटेक्चर आदि क्षेत्रों में डिग्रियों की मान्यता और वीज़ा नियमों में ढील से भारतीय पेशेवरों को ब्रिटेन में काम करने के अधिक अवसर मिलेंगे. इससे अगले 5 वर्षों में 60,000 नई नौकरियों का अनुमान है.
5. फार्मा और मेडिकल डिवाइसेज़
भारत की जेनेरिक दवाओं को ब्रिटेन में तेज़ मंजूरी मिलेगी और NHS सिस्टम में भारतीय कंपनियों की भागीदारी बढ़ेगी. इससे भारतीय फार्मा कंपनियों को बड़ा फायदा होगा.
6. खाद्य प्रसंस्करण, चाय, मसाले और मरीन उत्पाद
प्रोसेस्ड फूड, बासमती चावल, झींगे, मसाले और चाय जैसे उत्पादों पर ब्रिटेन आयात शुल्क खत्म करेगा. इससे केरल, असम, गुजरात और बंगाल जैसे राज्यों के निर्यात में तेजी आएगी.
7. रसायन और विशेष सामग्री
एग्री-केमिकल्स, इंडस्ट्रियल केमिकल्स और प्लास्टिक जैसे उत्पादों पर शुल्क में कटौती से भारत 2030 तक रासायनिक उत्पादों का निर्यात दोगुना कर सकता है। गुजरात और महाराष्ट्र के निर्माता लाभान्वित होंगे.
8. हरित ऊर्जा और क्लीनटेक
सौर ऊर्जा, हाइड्रोजन, ऊर्जा भंडारण और ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में संयुक्त प्रोजेक्ट्स और टेक्नोलॉजी शेयरिंग होगी. ब्रिटेन भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करेगा.
9. मादक पेय (ब्रिटेन को लाभ)
भारत अगले 10 वर्षों में स्कॉच व्हिस्की पर आयात शुल्क को 150% से घटाकर 30% करेगा. इससे यूके की शराब कंपनियों को भारत में बड़ी पहुंच मिलेगी, जबकि भारतीय उपभोक्ताओं को कम कीमत में प्रीमियम स्पिरिट्स मिल सकेंगी.
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