देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली है. 31 मई 2025 तक देश में कुल एक्टिव केस 3395 हो चुके हैं, जबकि 22 मई को यह संख्या महज 257 थी. यानी 10 दिनों में 13 गुना वृद्धि देखी गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड डैशबोर्ड के आंकड़े इस बढ़ते खतरे की ओर साफ इशारा कर रहे हैं. इस बार न सिर्फ संक्रमण के केस बढ़ रहे हैं बल्कि अस्पताल में भर्ती होने और मौत के मामले भी सामने आ रहे हैं. 1 जनवरी से अब तक देश में 26 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 4 मौतें पिछले 24 घंटे में हुई हैं. इससे लोगों में चिंता बढ़ गई है.
संक्रमण की नई लहर के पीछे ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट, ‘NB.1.8.1’ और ‘LF.7’ जिम्मेदार माने जा रहे हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, ये वैरिएंट न केवल अधिक संक्रामक हैं, बल्कि इम्युनिटी को चकमा देकर किसी को भी संक्रमित कर सकते हैं. हालांकि अब तक इन्हें गंभीर बीमारी के लिए जिम्मेदार नहीं माना गया था, लेकिन हाल की मौतें चिंता बढ़ा रही हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली, कर्नाटक, केरल और उत्तर प्रदेश में 4 मौतें दर्ज की गईं. सभी मृतकों को पहले से गंभीर बीमारियां थीं जैसे किडनी फेलियर, निमोनिया, हृदय रोग, और मल्टी ऑर्गन फेलियर. यूपी में 23 वर्षीय युवक की भी मौत हुई, जिसे एम्स ऋषिकेश में भर्ती किया गया था.
विशेषज्ञों के अनुसार, डायबिटीज, हाई बीपी, हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों से जूझ रहे लोग ज्यादा जोखिम में हैं. इनकी इम्युनिटी कमजोर होती है, जिससे संक्रमण खतरनाक रूप ले सकता है. फिलहाल सभी को कोविड उचित व्यवहार अपनाते रहना चाहिए – मास्क पहनना, हाथ धोना, भीड़ से बचना. खासकर बुजुर्ग, बीमार और कमजोर इम्युनिटी वाले लोग सतर्क रहें.
सिर्फ भारत ही नहीं, अमेरिका में भी हालात खराब हैं. CDC के अनुसार, पिछले सप्ताह 350 से अधिक मौतें दर्ज हुईं. इनमें अधिकांश मौतें कोमोरबिडिटी या कमजोर इम्युनिटी वाले मरीजों की थीं.
Copyright © 2025 The Samachaar
