Santhana Prapthirasthu Ott Release: तेलुगु भाषा की फिल्म ‘संतान प्राप्तिरस्तु’ एक ऐसी कॉमेडी ड्रामा है, जो हंसी के साथ-साथ समाज के एक नाजुक मुद्दे को सामने रखती है. ये फिल्म बिना भारी शब्दों या उपदेश के, आम परिवारों की सोच और दबाव को दिखाने की कोशिश करती है. निर्देशक संजीव रेड्डी ने इसे हल्के और सरल अंदाज में पेश किया है, जिससे कहानी हर उम्र के दर्शकों से जुड़ जाती है.
फिल्म की कहानी चैतन्य नाम के एक सीधे-सादे युवक के इर्द-गिर्द घूमती है. वो अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ कल्याणी से शादी करता है. शादी के बाद दोनों एक खुशहाल जीवन की उम्मीद करते हैं और परिवार बढ़ाने के सपने देखते हैं. लेकिन इसी दौरान चैतन्य को पता चलता है कि उसकी प्रजनन क्षमता कम है. यहीं से कहानी एक नया मोड़ लेती है. ये विषय आम तौर पर समाज में खुलकर बात करने से बचा जाता है, लेकिन फिल्म इसे सहज और मानवीय तरीके से दिखाती है. कहानी में हास्य के पल भी हैं और भावनात्मक क्षण भी, जो दर्शकों को बांधे रखते हैं.
जैसे-जैसे बात परिवार और रिश्तेदारों तक पहुंचती है, दंपति पर दबाव बढ़ने लगता है. माता-पिता की उम्मीदें, समाज की बातें और खुद के मन की उलझनें दोनों को परेशान करती हैं. फिल्म दिखाती है कि कैसे इस तरह के हालात में लोग एक-दूसरे को दोष देने लगते हैं. इसके साथ ही, कहानी ये भी बताती है कि आपसी समझ और भरोसे से ऐसे मुश्किल समय का सामना किया जा सकता है. चैतन्य और कल्याणी का रिश्ता कई कसौटियों से गुजरता है, लेकिन वे हार नहीं मानते.
फिल्म में विक्रांत रेड्डी और चांदनी चौधरी ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं. दोनों का अभिनय सहज और प्रभावशाली है. सहायक भूमिकाओं में वेन्नेला किशोर, थरुण भास्कर, अभिनव गोमातम और श्री लक्ष्मी जैसे कलाकार कहानी में जान डालते हैं. उनका हास्य कहानी को बोझिल नहीं होने देता.
निर्देशक संजीव रेड्डी ने संवेदनशील विषय को संतुलन के साथ दिखाया है. फिल्म न तो बहुत गंभीर हो जाती है और न ही विषय की गंभीरता को हल्का करती है.
‘संतान प्राप्तिरस्तु’ 14 नवंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. अब यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेज़न प्राइम वीडियो और जियोहॉटस्टार पर उपलब्ध है, जहां दर्शक इसे घर बैठे देख सकते हैं.
फिल्म को दर्शकों और समीक्षकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. IMDb पर इसे 8.1 की रेटिंग मिली है. लोग इसकी कहानी, संवाद और सामाजिक संदेश की सराहना कर रहे हैं. कुल मिलाकर, यह फिल्म हंसी के साथ एक जरूरी बातचीत शुरू करने की कोशिश करती है.
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