Bollywood Film Dhurandhar Review: रणवीर सिंह स्टारर फिल्म धुरंधर आखिरकार सिनेमा हॉल में रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म में रणवीर का नया पहलवान और खतरनाक अवतार दर्शकों को कितना प्रभावित करता है, ये देखने वाली बात है. हमने फर्स्ट-डे, फर्स्ट-शो का एक्सपीरिएंस किया और थियेटर जाकर फिल्म देखी.
धुरंधर की कहानी साल 1999 के कंधार हाईजैक और 2001 के संसद हमले के बाद के माहौल में शुरू होती है. इस समय भारत के IB चीफ अजय सान्याल ने पाकिस्तान की तरफ से होने वाली आतंकी साजिशों को खत्म करने का संकल्प लिया. यहीं से जन्म लेता है उनका बड़ा और खतरनाक प्लान ‘धुरंधर’.
फिल्म का मेन किरदार है हमजा अली मजारी (रणवीर सिंह), जो पाकिस्तान के ल्यारी टाउन की गैंगबाजी वाली दुनिया में कदम रखता है. यहां उसे रहमान डकैत (अक्षय खन्ना) जैसी खतरनाक ताकतों से सामना करना पड़ता है. कहानी का असली रोमांच तब शुरू होता है जब हमजा को पाकिस्तानी ISI के मेजर इकबाल (अर्जुन रामपाल) और एसपी चौधरी असलम (संजय दत्त) जैसी शक्तिशाली हस्तियों से निपटना पड़ता है.
धुरंधर सिर्फ एक स्पाई थ्रिलर नहीं है, बल्कि इसमें देशभक्ति और गैंग वॉर का मिश्रण है. फिल्म में कई मोड़ और ट्विस्ट हैं, जो शुरुआत से अंत तक दर्शकों की दिलचस्पी बनाए रखते हैं.
आदित्य धर ने फिल्म में भारत-पाकिस्तान के मुद्दे को नए नजरिए से पेश किया है. पाकिस्तान की गैंग वॉर और बलूचिस्तान का एंगल कहानी को और भी रोमांचक बनाता है. फिल्म की लंबाई तीन घंटे से अधिक है, लेकिन इसका कसकर लिखा गया स्क्रीनप्ले दर्शक को सीट से बांधे रखता है.
आदित्य धर की ये फिल्म एक हाई-एड्रेनालाईन एक्शन-ड्रामा है. रणवीर सिंह की ऊर्जा को उन्होंने संतुलित तरीके से पेश किया है. तीन घंटे 34 मिनट की फिल्म में पेसिंग इतनी अच्छी है कि घड़ी देखने का मन नहीं करता. एक्शन और वायलेंस को बड़े ही कुशलता से दिखाया गया है, जिससे हर पंच और स्टंट का असर महसूस होता है.
रणवीर सिंह ने अपने किरदार हमजा में गहरी और इंटेंस परफॉर्मेंस दी है. उनका यह नया अवतार उनके फैंस के लिए एक बड़ा सरप्राइज है. अक्षय खन्ना ने रहमान डकैत के रूप में डर और खौफ पैदा किया है. संजय दत्त का एसपी चौधरी असलम के रूप में एंट्री और अर्जुन रामपाल का मेजर इकबाल के रूप में किरदार भी प्रभावशाली है. आर. माधवन और सारा अर्जुन ने भी अपने किरदारों में न्याय किया है.
अगर आप बड़े पर्दे पर वर्ल्ड-क्लास एक्शन और इंटेंस ड्रामा देखना चाहते हैं, तो धुरंधर आपके लिए एक दमदार अनुभव है. हालांकि, ये फिल्म हिंसक दृश्यों से भरी है और इसकी लंबाई तीन घंटे से अधिक है. कमजोर दिल वाले दर्शकों के लिए ये फिल्म उपयुक्त नहीं है.
धुरंधर सिर्फ एक फिल्म नहीं है. ये उन गुमनाम हीरोज को याद दिलाती है, जो अपनी पहचान छिपाकर देश के लिए काम करते हैं. फिल्म देखने के बाद आपको एहसास होगा कि आजादी की कीमत कितनी है और कुछ लोग लगातार अपनी जान की बाजी लगाते हैं.
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