उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव 2025 की तैयारियां पूरे जोश में हैं. राज्य निर्वाचन आयोग ने अब नामांकन शुल्क, जमानत राशि और चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा तय कर दी है. आयोग का कहना है कि नए नियमों से पारदर्शिता बढ़ेगी और सभी उम्मीदवारों के लिए समान अवसर सुनिश्चित होगा.
नए आदेश के तहत ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए शुल्क इस प्रकार तय किया गया है —
वहीं, ग्राम प्रधान पद के लिए यह शुल्क बढ़ा दिया गया है —
ग्राम प्रधान पद के दावेदारों के लिए आयोग ने चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा ₹1,25,000 तय की है. इस सीमा में उम्मीदवार पोस्टर, बैनर, रैलियां, वाहन, प्रचार सामग्री और जनसभाओं पर होने वाला कुल खर्च शामिल होगा.
निर्वाचन आयोग ने कहा कि किसी भी उम्मीदवार को इस राशि से अधिक खर्च करने की अनुमति नहीं होगी. सभी उम्मीदवारों को अपने खर्च का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा, जिसकी जांच निर्वाचन अधिकारी करेंगे.
राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने कहा कि इन नियमों का उद्देश्य पंचायत चुनावों में धनबल और अनियमितताओं को रोकना है. उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि गांव का विकास करने वाला सच्चा प्रतिनिधि चुना जाए, न कि सिर्फ पैसों वाला. इसी कारण हमने आरक्षित वर्ग को शुल्क और खर्च में राहत दी है, ताकि वे भी बराबरी से चुनाव लड़ सकें.”
इन नए नियमों के लागू होने से छोटे और ईमानदार उम्मीदवारों को भी मौका मिलेगा. अब पंचायत चुनावों में सिर्फ पैसा नहीं, बल्कि जनसमर्थन और निष्ठा ही सफलता की कुंजी बनेगी.
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