केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि पंजाब समेत बाढ़ से प्रभावित राज्यों की मदद के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर एक आकस्मिक योजना (Contingency Plan) तैयार कर रही है। इस योजना का मकसद है कि बाढ़ से बर्बाद हुई कृषि भूमि और फसलों की भरपाई की जा सके और किसानों को राहत मिल सके।
दिल्ली के पूसा परिसर में आयोजित दो दिवसीय रबी सम्मेलन के बाद मीडिया से बातचीत में चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार बाढ़ प्रभावित राज्यों को हर संभव सहायता देगी। उन्होंने बताया कि इस बार रबी सीजन के लिए देश को लगभग 229 लाख मीट्रिक टन बीज की जरूरत है, जबकि केंद्र और उसकी एजेंसियों के पास पहले से ही 250 लाख मीट्रिक टन बीज मौजूद हैं। यानी किसानों को बीज की कोई कमी नहीं होगी।
उन्होंने आगे बताया कि 2024-25 में भारत ने 353.96 मिलियन टन खाद्यान्न का उत्पादन किया, जो पिछले वर्ष से 21.66 मिलियन टन ज्यादा था और तय लक्ष्य से 12% अधिक था। सरकार ने 2025-26 के लिए 362.50 मिलियन टन का लक्ष्य रखा है। चौहान ने कहा कि देश चावल और गेहूं में आत्मनिर्भर है, लेकिन अब तिलहन और दलहन उत्पादन बढ़ाने पर ज़ोर दिया जा रहा है।
वहीं, पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने सम्मेलन में कहा कि हाल ही की बाढ़ से राज्य के 2,185 गांवों की करीब 5 लाख एकड़ जमीन और खड़ी फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। खासकर अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर, पठानकोट, कपूरथला, फाजिल्का और फिरोजपुर जिलों में खेतों में पाँच फीट तक गाद और रेत भर गई है।
खुडियां ने केंद्र से 2 लाख क्विंटल गेहूं, 637 क्विंटल सरसों और 375 क्विंटल उड़द के प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने की मांग की। उन्होंने बाढ़ प्रभावित जमीन को सुधारने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के तहत 151 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता की भी गुहार लगाई।
उन्होंने कहा कि पंजाब हमेशा देश की मुश्किल घड़ी में मदद करता रहा है, अब केंद्र को पंजाब के किसानों की सहायता करनी चाहिए ताकि उनकी ज़िंदगी और राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट सके।
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