पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने युवाओं के भविष्य को बदलने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब पंजाब में पढ़ाई का मतलब सिर्फ़ डिग्री लेना नहीं, बल्कि अपना बिज़नेस शुरू करना भी है। मुख्यमंत्री मान की ‘बिज़नेस क्लास’ यानी उद्यमिता मानसिकता पाठ्यक्रम (Entrepreneurship Mindset Curriculum – EMC) ने शिक्षा को एक नए रूप में पेश किया है।
पंजाब सरकार ने इस कोर्स को बीबीए, बीकॉम, बीटेक और बीवीओसी जैसे कोर्सों में अनिवार्य कर दिया है। इसका मकसद युवाओं को नौकरी चाहने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनाना है। यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप है और राज्य के 20 विश्वविद्यालयों, 320 आईटीआई और 91 पॉलिटेक्निक कॉलेजों में लागू की गई है। अब तक 1.5 लाख से ज़्यादा छात्र इस ‘बिज़नेस क्लास’ में भाग ले चुके हैं।
इस कार्यक्रम में छात्रों को हर सेमेस्टर एक नया बिज़नेस आइडिया बनाना होता है, उसका प्रोटोटाइप तैयार करना होता है और उसे मार्केट में लॉन्च कर कमाई करनी होती है। छात्रों को उनके नवाचार और कमाई के आधार पर क्रेडिट पॉइंट्स दिए जाते हैं — कोई रट्टा नहीं, कोई परीक्षा नहीं! अब कॉलेज छोटे-छोटे उद्योगों में बदल रहे हैं।
सरकार ने छात्रों के लिए एक खास AI-सक्षम डिजिटल प्लेटफॉर्म – “Punjab Startup App” लॉन्च किया है। इस ऐप से छात्र बिज़नेस आइडिया प्लानिंग, मार्केटिंग, वित्तीय प्रबंधन सीख सकते हैं और निवेशकों से जुड़ने का अवसर भी पा सकते हैं। यह ऐप हिंदी, अंग्रेज़ी और पंजाबी तीनों भाषाओं में उपलब्ध है।
कार्यक्रम शुरू होने के सिर्फ 15 दिनों में 75,000 छात्रों ने ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराया और अब तक ₹25 लाख का कारोबार हो चुका है। सरकार का लक्ष्य है कि 2028-29 तक 5 लाख छात्र इस कार्यक्रम का हिस्सा बनें। इससे हज़ारों नए स्टार्टअप शुरू होंगे और पंजाब की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।
मुख्यमंत्री मान का कहना है, “पंजाब के बच्चे अब विदेश नहीं, अपने राज्य में रहकर ‘मेक इन पंजाब’ का सपना पूरा करेंगे।” यह योजना युवाओं को आत्मनिर्भर बना रही है, अब वे नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बन रहे हैं।
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