दिल्ली में लगातार हो रही बारिश और हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की वजह से यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। इस कारण यमुना किनारे के कई इलाकों में पानी भर गया है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट खोले गए थे, जिसके बाद करीब 1.78 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया। इससे नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया और दिल्ली के कई निचले इलाकों में पानी घुसने लगा।
इसी बीच दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को यमुना बाजार और आसपास के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने हालात का जायजा लिया और स्थानीय लोगों से बातचीत की। सीएम ने कहा कि दिल्ली में बाढ़ जैसी कोई स्थिति नहीं है और अगले एक-दो दिनों में जलस्तर घटने लगेगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार पूरी तरह अलर्ट है और प्रभावित लोगों की हर संभव मदद की जा रही है।
सीएम गुप्ता ने बताया कि प्रशासन की ओर से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। उनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। जरूरतमंदों को स्कूलों में शरण दी जा रही है और वहां भोजन व अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके साथ ही चिकित्सा सुविधाएं भी प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाई जा रही हैं ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो।
उन्होंने कहा कि पानी का स्तर सुबह करीब 206 मीटर के आसपास था, लेकिन अभी यह खतरे के निशान को पार नहीं कर पाया है। हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
गौरतलब है कि हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी का सीधा असर दिल्ली के निचले इलाकों में दिखाई देता है। आईटीओ और यमुना किनारे बसे अन्य क्षेत्रों में पानी खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है। इस वजह से स्थानीय प्रशासन और राहत टीमें अलर्ट मोड पर हैं।
सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और यदि जरूरत हो तो प्रशासन की मदद लें। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और जल्द ही जलस्तर सामान्य होने की उम्मीद है।
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