बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए गठबंधन ने जोरदार बढ़त बनाई है. शुरुआती रुझानों के मुताबिक, नीतीश कुमार की अगुवाई वाली JDU और बीजेपी गठबंधन कई सीटों पर आगे चल रही है. विशेष रूप से बीजेपी के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्टार प्रचारक भूमिका चुनावी परिणामों में अहम साबित हुई.
योगी आदित्यनाथ ने 16 अक्टूबर से बिहार में प्रचार अभियान शुरू किया. केवल 10 दिनों में उन्होंने 31 विधानसभा क्षेत्रों में रैलियां और रोड शो किए. दरभंगा, गया, भोजपुर, सारण, मिथिला, सीमांचल और मगध के जिलों में उनके कार्यक्रमों ने एनडीए उम्मीदवारों को मजबूत बढ़त दिलाई. दरभंगा में उनका रोड शो अत्यधिक चर्चित रहा, जहाँ जनता का उत्साह देखने लायक था.
योगी की रैलियों के असर से कई सीटों पर बीजेपी मजबूत लीड में है:
हालांकि रघुनाथपुर की सीट पर आरजेडी के ओसामा शाहाब आगे चल रहे हैं, लेकिन अधिकांश क्षेत्रों में योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी का असर स्पष्ट नजर आ रहा है.
इस चुनाव में तीसरी ताकत के रूप में उभरने का प्रयास कर रहे जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने चुनाव प्रचार के दौरान दावा किया था कि JDU इस बार 25 सीटों से अधिक नहीं जीत पाएगी. उन्होंने यह भी कहा था कि यदि जेडीयू इससे ज्यादा सीट जीत गई तो वह राजनीति छोड़ देंगे.
जनसुराज पार्टी ने बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, लेकिन शुरुआती रुझानों में यह किसी भी सीट पर आगे नहीं चल पा रही है. कई जगहों पर यह NOTA (None Of The Above) के मुकाबले भी पिछड़ रही है.
एनडीए की बढ़त और JDU की शानदार जीत के बाद प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी पूरी तरह गलत साबित हो गई है. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रशांत किशोर अपनी शर्त पर कायम रहेंगे और राजनीति छोड़ देंगे, या किसी नई दलील के सहारे अपनी घोषणा से पलट जाएंगे.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की जबरदस्त बढ़त और योगी आदित्यनाथ की स्टार प्रचारक भूमिका ने यह साफ कर दिया कि विकास और नेतृत्व के मुद्दों ने वोटरों का रुख तय किया. वहीं, प्रशांत किशोर की राजनीति और उनकी भविष्यवाणी का सच भी इस चुनाव के नतीजों से सीधे जुड़ा हुआ दिखाई दे रहा है.
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