एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच 14 सितंबर को मैच खेला जाएगा, लेकिन कुछ पूर्व क्रिकेटरों और सोशल मीडिया पर चल रही बहस के बावजूद टीम इंडिया ने इस मैच का बहिष्कार नहीं किया. इस निर्णय के पीछे BCCI और सरकार का तर्क साफ है.
हाल ही में इंग्लैंड में हुई रिटायर्ड क्रिकेटरों की लीग में कई भारतीय दिग्गजों ने पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से इनकार किया था. उनका कहना था कि पाकिस्तान परस्त आतंकवादी भारत में निर्दोष लोगों की जान लेते रहते हैं, और ऐसे माहौल में खेल की नीति और नैतिकता पर सवाल उठते हैं. इसपर सोशल मीडिया पर भी काफी आवाज़ उठी कि भारतीय टीम को पाकिस्तान के खिलाफ मैच का बॉयकॉट करना चाहिए.
BCCI के सचिव देवजीत सैकिया ने एनडीटीवी से बात करते हुए बताया कि किसी बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पाकिस्तान का पूर्ण बहिष्कार करना तकनीकी रूप से संभव नहीं है. उन्होंने कहा, "क्रिकेट या किसी भी खेल में टीम की भागीदारी को केंद्र सरकार के खेल विभाग के दिशानिर्देशों और नीतियों के अनुसार तय किया जाता है. अगर हम किसी बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेते हैं तो उस पर प्रतिबंध लग सकता है. इससे उभरते खिलाड़ी और उनका करियर प्रभावित हो सकता है."
सैकिया ने कहा कि सरकार ने महासंघों और खिलाड़ियों के हितों को ध्यान में रखते हुए नीति बनाई है. किसी भी देश के खिलाफ बहिष्कार के फैसले से न केवल खिलाड़ियों के भविष्य पर असर पड़ता है, बल्कि भारत के बहुराष्ट्रीय खेल संघों पर भी प्रतिबंध लग सकता है. इसीलिए BCCI ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर जोखिम को समझते हुए मैच में भाग लेने का फैसला किया.
टी20 एशिया कप 2025 का भारत और पाकिस्तान का मुकाबला 14 सितंबर को दुबई में आयोजित होगा. खेल प्रेमियों की नजर इस मैच पर रहेगी, क्योंकि दोनों टीमें एशिया कप में काफी मजबूत दिखाई दे रही हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच खेलना हमेशा रोमांचक और तनावपूर्ण होता है, लेकिन इस बार भी BCCI और केंद्र सरकार ने खेल को राजनीतिक विवाद से अलग रखते हुए निर्णय लिया है.
इस तरह, टीम इंडिया ने अपने खिलाड़ियों और खेल संघों के हित को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान के खिलाफ मैच का बहिष्कार नहीं किया, और यह मैच खेल की भावना को सम्मान देने का उदाहरण माना जा रहा है.
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