क्या आप जानते हैं कि आपके नाखून सिर्फ हाथों की सुंदरता नहीं बढ़ाते, बल्कि आपके शरीर की सेहत का भी हाल बताते हैं? नाखून का रंग, उनकी बनावट और मजबूती कई बार यह संकेत देते हैं कि शरीर में सब ठीक है या नही. हेल्दी नाखून आमतौर पर हल्के गुलाबी और ठोस होते हैं. लेकिन अगर उनमें बदलाव आने लगें, तो इसे नजरअंदाज न करें- क्योंकि ये किसी पोषण की कमी या बीमारी का संकेत हो सकते हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि नाखूनों का रंग, टेक्सचर और शेप बदलना कई बार गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की चेतावनी हो सकती है. तो चलिए जानते हैं कि आपके नाखून किस तरह के बदलावों से क्या संकेत देते हैं.
अगर नाखून खुरदरे, बार-बार टूटने वाले या उनमें दरारें बनने लगी हैं, तो यह ओनाइकोस्किजिया (Onychoschizia) हो सकता है. हेल्थलाइन के अनुसार, यह समस्या ज्यादातर हाथों का ज्यादा पानी के संपर्क में रहने से होती है.
संभावित कारण: हाइपोथायरॉइडिज्म, आयरन की कमी- क्या करें: पानी के काम के समय ग्लव्स पहनें और ऐसे लोशन का इस्तेमाल करें, जिनमें अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड (AHA) या लैनोलिन हो.
बहुत ज्यादा नरम और आसानी से टूटने वाले नाखून शरीर में विटामिन B, कैल्शियम, आयरन या फैटी एसिड की कमी का संकेत हो सकते हैं. इसके अलावा, ज्यादा केमिकल्स जैसे डिटर्जेंट, क्लीनिंग फ्लूइड्स, नेल पॉलिश या नेल रिमूवर का इस्तेमाल भी नाखूनों को कमजोर करता है.
उपाय: डाइट में न्यूट्रिशन बढ़ाएं और जरूरत पड़ने पर मल्टीविटामिन लें.
नाखूनों पर दो तरह की लाइनें दिख सकती हैं: वर्टिकल लाइनें (ऊपर से नीचे): आमतौर पर हानिरहित, लेकिन अगर नाखून टूटने लगें या रंग बदलें तो जांच जरूरी है. हॉरिजॉन्टल लाइनें (Beau’s Lines): यह किडनी की समस्या या गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती है.
नाखूनों का पीला पड़ना कई कारणों से हो सकता है- जैसे फंगल इंफेक्शन या किसी प्रोडक्ट का असर. लेकिन अगर लगातार पीले रहें, तो यह थायरॉइड, सोरायसिस या डायबिटीज जैसी बीमारी की चेतावनी हो सकती है.
किशोरावस्था में यह आम है, लेकिन उम्र बढ़ने के बाद सफेद दाग जिंक की कमी, फंगल इंफेक्शन या एलर्जिक रिएक्शन का संकेत हो सकते हैं.
क्या करें: लंबे समय तक दाग बने रहने पर डॉक्टर को दिखाएं.
पैरों के नाखून की परत उतरना आयरन की कमी का संकेत हो सकता है, जबकि हाथों के नाखून की परत उतरने का कारण बाहरी दबाव या चोट हो सकती है.
टिप्स: झाग वाले पानी में हाथ ज्यादा देर तक न भिगोएं और नाखूनों को टूल की तरह इस्तेमाल करने से बचें.
नोट: नाखूनों में होने वाले ये बदलाव हमेशा हल्के में न लें. जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लें और डाइट में पोषण का ध्यान रखें.
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