अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ईरान और इजरायल को आपस में समझौता कर लेना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि जब वो राष्ट्रपति थे तो उन्होंने कई देशों के बीच शांति कायम करवाई, लेकिन उन्हें कभी उसका श्रेय नहीं मिला।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर पोस्ट करते हुए कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच भी युद्ध विराम में मदद की थी, और इसके लिए अमेरिका के साथ व्यापार का सहारा लिया गया था। हालांकि, भारत ने इस दावे को नकार दिया है और कहा है कि पाकिस्तान के साथ सीजफायर का फैसला दोनों देशों की सेनाओं के सीधे संवाद से हुआ था।
ट्रंप ने बताया कि उनके पहले कार्यकाल में:
सर्बिया और कोसोवो के बीच तनाव को रोका।
मिस्र और इथियोपिया के बीच नील नदी पर बांध को लेकर चल रहे विवाद को शांत किया।
और अब वह उम्मीद कर रहे हैं कि ईरान और इजरायल के बीच भी जल्द शांति स्थापित हो सकती है।
उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में मध्य पूर्व को स्थिरता मिली, और अब भी फोन कॉल्स और बैठकें चल रही हैं ताकि ईरान-इजरायल संघर्ष को रोका जा सके।
वर्तमान में, ईरान और इजरायल के बीच लड़ाई तेज हो गई है। इजरायल ने ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला किया है, ताकि उसे परमाणु हथियार बनाने से रोका जा सके। इसका जवाब ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमलों से दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने खुद को एक शांति दूत के रूप में पेश किया है और उम्मीद जताई है कि ईरान और इजरायल भी समझौते की राह पर आ सकते हैं, जैसे कुछ देशों में पहले हो चुका है।
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