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घर पहुंची ED की टीम तो दीवार फांदकर भागे TMC विधायक, फेंका मोबाइल… हुए गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी ने तृणमूल विधायक जीवन कृष्ण साहा को गिरफ्तार किया. छापेमारी के दौरान विधायक ने दीवार फांदकर भागने और फोन नाले में फेंकने की कोशिश की.

👤 Samachaar Desk 25 Aug 2025 02:12 PM

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पश्चिम बंगाल में शिक्षक और कर्मचारियों की भर्ती में कथित घोटाले की जांच के तहत बड़ी कार्रवाई की है. सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) विधायक जीवन कृष्ण साहा को गिरफ्तार कर लिया गया. यह कार्रवाई उनके मुर्शिदाबाद स्थित आवास पर छापेमारी के बाद की गई.

गिरफ्तारी से पहले विधायक की भागने की कोशिश

सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के दौरान विधायक ने घर की दीवार फांदकर भागने की कोशिश की. यही नहीं, उन्होंने सबूत नष्ट करने के लिए अपने मोबाइल फोन को घर के पीछे नाले में फेंक दिया. हालांकि, ईडी अधिकारियों ने बाद में फोन बरामद कर लिया. छापेमारी के वीडियो और तस्वीरों में विधायक भीगते हुए नजर आए, जब ईडी और सीआरपीएफ अधिकारी उन्हें बाहर लेकर आए.

रिश्‍तेदारों और सहयोगियों पर भी रेड

ईडी ने विधायक साहा के रिश्तेदारों और सहयोगियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की. जानकारी के अनुसार, यह गिरफ्तारी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है. अधिकारियों का कहना है कि विधायक ने जांच में सहयोग नहीं किया, जिसके चलते उन्हें हिरासत में लिया गया.

पहले भी हो चुकी थी गिरफ्तारी

इससे पहले, सीबीआई (CBI) ने 2023 में जीवन कृष्ण साहा को इसी भर्ती घोटाले में गिरफ्तार किया था. हालांकि, बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था. ईडी का यह मामला सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है, जिसे कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंजूरी दी थी. यह घोटाला समूह ‘C’ और ‘D’ कर्मचारियों, कक्षा 9 से 12 तक के सहायक शिक्षक और प्राथमिक शिक्षक भर्ती से जुड़ा है.

घोटाले में अब तक हुई बड़ी गिरफ्तारियां

पश्चिम बंगाल टीचर भर्ती घोटाले में इससे पहले कई हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. इनमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी, तृणमूल विधायक और शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य शामिल हैं. चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निलंबित भी कर दिया था.

जांच जारी

ईडी अब तक इस मामले में चार आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. यह घोटाला पश्चिम बंगाल की राजनीति में लगातार बड़ा मुद्दा बना हुआ है और विपक्ष इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस सरकार पर हमले तेज कर रहा है.