बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच राजद नेता तेजस्वी यादव लगातार प्रचार अभियान में जुटे हैं. रविवार, 26 अक्टूबर को पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने राज्य में बदलाव के लिए जनता के बीच अपने वादों की झड़ी लगाई. उन्होंने कहा कि प्रचार अभियान तेज हो गया है और बिहार बदलाव के लिए बेचैन है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर महागठबंधन सत्ता में आता है, तो पंचायत प्रतिनिधियों को पेंशन दी जाएगी और 50 लाख रुपये का बीमा कवर भी मिलेगा. उन्होंने बिहार की मौजूदा सरकार पर तंज कसा और कहा कि पिछले 20 सालों से खटारा सरकार रही है. तेजस्वी ने दावा किया कि लोग भ्रष्टाचार और अपराध से परेशान हैं और अब बदलाव चाहते हैं. उन्होंने बताया कि जहां भी वे जाते हैं, सभी जातियों और धर्मों के लोग बड़े पैमाने पर उनका समर्थन करने आते हैं.
तेजस्वी यादव ने बीजेपी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में जानबूझकर उद्योग और कारखाने नहीं लगने दिए गए. उन्होंने बताया कि बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां और आईटी पार्क गुजरात और अन्य राज्यों में चली गईं, जबकि बिहार को सिर्फ धोखा और ठेंगा मिला. उन्होंने कहा कि पिछले 17 महीनों में महागठबंधन ने कई काम किए थे, लेकिन चाचा जी (पूर्व नेताओं) की वजह से और काम नहीं हो पाया.
तेजस्वी यादव ने अपने वादों की सूची में कहा कि उनकी सरकार बनने पर पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय दोगुना कर दिया जाएगा. इसके अलावा, सोनार, नाई, लोहार और बढ़ई जैसे पारंपरिक पेशों से जुड़े लोगों को स्वरोजगार के लिए एकमुश्त 5 लाख रुपये दिए जाएंगे.
तेजस्वी यादव ने बताया कि वह कांग्रेस और अन्य गठबंधन दलों के साथ मिलकर प्रचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ भी प्रचार अभियान जल्द शुरू होगा. तेजस्वी ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी का नुकसान करना नहीं है, बल्कि बिहार में विकास और रोजगार को बढ़ावा देना है.
तेजस्वी यादव की इन घोषणाओं के साथ बिहार चुनाव का राजनीतिक तापमान और बढ़ गया है. पंचायत प्रतिनिधियों को वित्तीय सुरक्षा और पारंपरिक कारीगरों को स्वरोजगार देने के वादे ने चुनावी माहौल को और दिलचस्प बना दिया है.
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