हर कुत्ता जन्म से खतरनाक नहीं होता. उसका व्यवहार इस बात पर निर्भर करता है कि उसे कैसे पाला गया, कितना सामाजिक बनाया गया और क्या उसे सही तरह से प्रशिक्षित किया गया. लेकिन कुछ ब्रीड्स ऐसी भी हैं जो स्वाभाविक रूप से आक्रामक, शक्तिशाली और सतर्क मानी जाती हैं. इनकी ताकत और प्रवृत्ति के चलते इन्हें “खतरनाक” करार दिया गया — खासकर तब, जब इन्हें बिना प्रशिक्षण और सही देखरेख के पाला गया हो.
आइए जानते हैं उन डॉग ब्रीड्स के बारे में जो दुनिया भर में बैन हो चुके हैं या फिर सुरक्षा कारणों से कड़ी निगरानी में रखे जाते हैं.
पिटबुल को अक्सर ‘सबसे खतरनाक कुत्ते’ की उपाधि दी जाती है.कई देशों में इस नस्ल पर प्रतिबंध लगा हुआ है. 1991 के एक अध्ययन में सामने आया कि पिटबुल ने 94% हमले बच्चों पर बिना किसी उकसावे के किए. इनकी ताकत, फुर्ती और आक्रामकता को नियंत्रित करने के लिए गहन प्रशिक्षण जरूरी होता है.
CDC के अनुसार, 1993 से 1996 तक अमेरिका में कुत्तों द्वारा की गई आधी मौतों के लिए रॉटवीलर जिम्मेदार थे. एक रॉटवीलर का काटना 1,460 न्यूटन तक की शक्ति से हो सकता है — यह इंसान की हड्डी तोड़ने के लिए काफी है.
जर्मन शेफर्ड अपनी समझदारी और ताकत के लिए जाने जाते हैं, यही कारण है कि पुलिस और सेना इन्हें काम में लेती है. लेकिन यह भी सच है कि इस नस्ल में छोटे कुत्तों पर हमला करने की प्रवृत्ति पाई गई है. इनका काटना भी 1,060 न्यूटन की शक्ति से होता है.
डोबर्मन्स अपने मालिकों के लिए समर्पित होते हैं, लेकिन अजनबियों के लिए ये खतरनाक हो सकते हैं.2011 में अमेरिका में एक बुजुर्ग महिला की मौत डोबर्मन के हमले से हुई थी.
130 पाउंड तक वजन वाला बुलमास्टिफ दिखने में ही खौफनाक होता है. हालांकि ये गार्ड डॉग के रूप में बेहद अच्छे होते हैं, लेकिन बिना प्रशिक्षण के ये नियंत्रण से बाहर जा सकते हैं.
स्लेज डॉग के रूप में काम करने वाले हस्की को पूरा समय मेहनत करने के लिए पाला जाता है. 1979 से 1998 के बीच हस्की की वजह से 15 मौतें दर्ज हुईं. ये नस्ल पालतू के रूप में रखने के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती.
इनमें भेड़ियों का खून होता है. 1979 से 1998 तक अमेरिका में 14 लोगों की मौत इन हाईब्रिड्स की वजह से हुई. कई राज्यों में इन्हें पालना पूरी तरह गैरकानूनी है.
हर कुत्ता खतरनाक नहीं होता, लेकिन कुछ नस्लों की आक्रामक प्रवृत्ति को हल्के में लेना भी खतरनाक हो सकता है. इन ब्रीड्स को पालना एक जिम्मेदारी है, जिसमें सही प्रशिक्षण, सतर्कता और निरंतर देखरेख बेहद जरूरी है.
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