Facebook Fake Profile: आज के डिजिटल युग में फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने लोगों को जोड़ने का एक आसान और तेज रास्ता दिया है. अब हम कुछ ही क्लिक में नए लोगों से जुड़ सकते हैं, दोस्ती कर सकते हैं और विचार साझा कर सकते हैं. लेकिन इस सुविधा के साथ एक बड़ा खतरा भी छिपा है वो है फेक प्रोफाइल का.
अक्सर देखा गया है कि कुछ लोग जानबूझकर नकली आईडी बनाकर दूसरों से बातचीत शुरू करते हैं. खासकर कुछ लड़के, लड़की बनकर फेक प्रोफाइल तैयार करते हैं और मासूम लोगों को अपने जाल में फंसाने की कोशिश करते हैं. शुरुआत में ये दोस्ताना अंदाज में बातें करते हैं, आपकी सहानुभूति और विश्वास जीतने की कोशिश करते हैं और धीरे-धीरे पर्सनल जानकारी हासिल करने लगते हैं.
1. कम या संदिग्ध पोस्ट्स: फेक प्रोफाइल पर अक्सर बहुत कम पोस्ट होती हैं या फिर सारी तस्वीरें इंटरनेट से ली गई लगती हैं.
2. फ्रेंड लिस्ट में गड़बड़: असली लड़की की प्रोफाइल में आमतौर पर परिवार या दोस्त जुड़े होते हैं, जबकि नकली प्रोफाइल में फ्रेंड्स की लिस्ट सीमित और संदिग्ध होती है.
3. वीडियो कॉल से बचना: ऐसे लोग कभी भी वीडियो या वॉइस कॉल करने में दिलचस्पी नहीं दिखाते, क्योंकि वे असली पहचान छुपाना चाहते हैं.
4. असंगत भाषा शैली: बातचीत के दौरान उनकी भाषा, टोन और शब्दों का चयन लड़कियों जैसा नहीं होता, जिससे शक हो सकता है.
पर्सनल जानकारी न दें: किसी भी नई पहचान पर भरोसा करके अपनी निजी जानकारी जैसे कि पता, बैंक डिटेल्स, OTP, आदि शेयर न करें. भावनात्मक रूप से न जुड़ें जल्दी: फेक प्रोफाइल वाले लोग जल्दी से भावनात्मक संबंध बनाना चाहते हैं. सतर्क रहें. फेक लगे तो रिपोर्ट करें: अगर किसी की गतिविधि संदिग्ध लगे, तो उसे तुरंत ब्लॉक करें और फेसबुक पर रिपोर्ट कर दें. साइबर क्राइम में शिकायत करें: अगर आपने गलती से कोई जानकारी या पैसा दे दिया है, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करवाएं – 1930 पर कॉल करें या [cybercrime.gov.in](https://www.cybercrime.gov.in) पर जाएं.
फेसबुक पर बातचीत करते समय हमेशा सतर्क रहना जरूरी है. हर मुस्कान के पीछे एक नेक दिल नहीं होता और हर प्रोफाइल असली नहीं होती. इसलिए सोच-समझकर रिश्ते बनाएं और डिजिटल दुनिया में खुद को सुरक्षित रखें.
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