दिल्ली की मुफ्त राशन योजना का मकसद था गरीबों को राहत देना, लेकिन अब इस योजना की परतें खुलने लगी हैं और इसका सच चौंकाने वाला है. जांच में सामने आया है कि लाखों ऐसे लोग इस सरकारी योजना का लाभ उठा रहे थे, जो इसके लिए बिल्कुल भी योग्य नहीं थे.
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की रिपोर्ट में ये सामने आया है कि करीब 6.52 लाख लाभार्थी ऐसे हैं, जो अपात्र पाए गए हैं. यानी दिल्ली के कुल 72.77 लाख राशन कार्ड धारकों में से लगभग 10% लोग फर्जी या डुप्लीकेट हैं.
जांच में ये पाया गया कि कई ऐसे लोग मुफ्त राशन ले रहे थे जिनके पास निजी गाड़ियां हैं, शहर में कीमती जमीन है, वे इनकम टैक्स भरते हैं या किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं. कुछ प्रमुख आंकड़े:
95,741 लोग ऐसे पाए गए जिनके नाम पर निजी वाहन हैं. 2.80 लाख लाभार्थी या तो जमीन के मालिक हैं, टैक्स भरते हैं या कंपनी डायरेक्टर हैं. 89,084 डुप्लीकेट लाभार्थी मिले हैं जिनके नाम एक से अधिक राज्यों में राशन कार्ड में दर्ज थे. 1.84 लाख 'साइलेंट कार्ड होल्डर' हैं, जिन्होंने 6 महीने से राशन नहीं लिया और ई-केवाईसी भी पूरी नहीं की.
जांच में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि कुछ परिवार दो अलग-अलग राज्यों से राशन ले रहे थे. जैसे एक ही परिवार बिहार और दिल्ली दोनों जगह से लाभ ले रहा था.
ऐसे 27,745 डुप्लीकेट नाम हटाने की सिफारिश की गई है. जबकि 41,181 लोगों को दिल्ली की सूची में बनाए रखने का निर्णय लिया गया.
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि योजना की लिस्ट में:
10,000 मृतक लाभार्थियों के नाम पाए गए. 1,033 ऐसे लाभार्थी हैं जिनकी उम्र 100 से 120 साल बताई गई है - जो जाहिर तौर पर गलत एंट्रीज हैं. इन सभी को सूची से हटाया जाएगा.
जनवरी 2024 से देशभर में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन दिया जा रहा है, जो अगले पांच साल तक जारी रहेगा. लेकिन ये सुविधा केवल उन्हीं परिवारों के लिए है जिनकी सालाना आय 1 लाख रुपये से कम है.
इसी उद्देश्य से केंद्र सरकार ने जुलाई 2023 में राशन कार्ड वेरिफिकेशन अभियान शुरू किया, जो दिल्ली में जनवरी 2024 से तेजी से लागू हुआ.
अब तक 80% राशन कार्ड धारकों का ई-केवाईसी पूरा हो चुका है. जिनका नहीं हुआ है, उनके नाम सूची से हटाए जा सकते हैं. विभाग ने अपात्र लोगों की लिस्ट लोकल अधिकारियों को भेज दी है, जो अब घर-घर जाकर वेरिफिकेशन कर रहे हैं.
दिल्ली के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बयान दिया कि सरकार इस प्रक्रिया को पूर्ण पारदर्शिता से लागू कर रही है. उनका कहना है कि "कोई भी असली हकदार राशन से वंचित नहीं रहेगा. हम सिर्फ फर्जी लाभार्थियों को हटाकर व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं."
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