साल 2025 अपने अंतिम चरण में है और दुनिया की निगाहें अब 2026 पर टिक गई हैं. हर वर्ष की तरह इस बार भी चर्चाओं के केंद्र में हैं बाबा वेंगा, जिन्हें लोग अक्सर "बाल्कन के नास्त्रेदमस" के नाम से जानते हैं. कहा जाता है कि उन्होंने कई बड़ी घटनाओं का संकेत दिया था, जिनकी वजह से उनके दावों का रहस्य और गहराता गया. हालांकि वैज्ञानिक समुदाय ने कभी भी उनकी भविष्यवाणियों को प्रमाणिक नहीं माना, इंटरनेट पर इनके चर्चे लगातार बढ़ रहे हैं.
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, बाबा वेंगा की एक भविष्यवाणी के मुताबिक 2026 पृथ्वी के लिए कठिन साल साबित हो सकता है. कथित तौर पर उन्होंने संकेत दिया कि कई ज़ोरदार भूकंप, सक्रिय ज्वालामुखियों के विस्फोट और चरम मौसम की घटनाएं एक साथ सामने आ सकती हैं. इन घटनाओं का असर दुनिया के लगभग 7–8 फीसदी हिस्से पर पड़ सकता है. बढ़ते जलवायु परिवर्तन की वजह से यह दावा सोशल मीडिया पर और गंभीरता से चर्चा में है.
ऑनलाइन दुनिया में सबसे ज्यादा शेयर होने वाली भविष्यवाणियों में से एक यह है कि 2026 वैश्विक संघर्ष की दिशा में कदम बढ़ा सकता है. रूस-अमेरिका तनाव, चीन-ताइवान विवाद और यूरोप-एशिया के बदलते समीकरणों को देखते हुए कई लोग इस भविष्यवाणी को वर्तमान परिस्थितियों से जोड़ते हैं. लेकिन इन दावों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
बाबा वेंगा की एक और भविष्यवाणी के अनुसार, 2026 ऐसा समय हो सकता है जब AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) इंसानी सोच और निर्णय प्रक्रिया पर गहरा प्रभाव डालने लगेगा. कुछ व्याख्याओं के मुताबिक मशीनें कई क्षेत्रों में मनुष्य से अधिक सक्षम दिखाई देंगी और समाज टेक्नोलॉजी पर खतरनाक हद तक निर्भर हो जाएगा. यह दावा टेक इंडस्ट्री और सोशल मीडिया में खूब चर्चा में है.
इंटरनेट पर सबसे सनसनीखेज दावा यह है कि बाबा वेंगा ने नवंबर 2026 में धरती से बाहर की सभ्यता के संपर्क में आने की बात कही थी. कुछ रिपोर्टों में तो यह भी लिखा गया है कि एक विशाल अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वायुमंडल के नजदीक दिखाई देगा. लेकिन वैज्ञानिक समुदाय इन दावों को पूरी तरह खारिज करता है.
कई लेखों में यह भी कहा गया है कि 2026 में रूस से कोई शक्तिशाली नेता उभर सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बड़े बदलाव ला सकता है. साथ ही, वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी यह साल चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. मुद्रा बाज़ार, बैंकिंग सिस्टम और खाद्य व ऊर्जा आपूर्ति पर दबाव बढ़ सकता है.
भारी बारिश, भीषण सूखे और असामान्य मौसम घटनाओं के कारण पर्यावरण पर गंभीर असर पड़ सकता है. कथित भविष्यवाणियों में एशिया, खासकर चीन, के बढ़ते महत्व का भी जिक्र है, जिसे कई लोग आने वाले भू-राजनीतिक बदलाव के संकेत के तौर पर मानते हैं.
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