संदीप रेड्डी वांगा की फिल्में हमेशा चर्चा का हिस्सा रहती हैं—चाहे वो उनकी कहानी हो, किरदार या फिर विवाद. 2023 में आई एनिमल ने भी कुछ ऐसा ही किया. रणबीर कपूर स्टारर इस फिल्म को लेकर दर्शकों की राय दो हिस्सों में बंट गई—कुछ ने इसे बेहतरीन कहा, तो कुछ ने इसके सीन्स और ट्रीटमेंट पर आपत्ति जताई.
लेकिन इस फिल्म को लेकर एक और बड़ा दावा सामने आया—कि एनिमल की कहानी 1999 में रिलीज हुई अक्षय कुमार और करिश्मा कपूर की सुपरहिट फिल्म जानवर से मिलती-जुलती है और ये दावा किसी आम दर्शक ने नहीं, बल्कि जानवर के डायरेक्टर सुनील दर्शन ने खुद किया है.
एक इंटरव्यू में जब सुनील दर्शन से पूछा गया कि वह अपनी किस फिल्म का रीमेक बनाना चाहेंगे, तो उन्होंने चौंकाने वाला जवाब दिया- ‘मैं कैसे बनाऊं? मेरी फिल्मों की नकल तो पहले ही बहुत लोग कर चुके हैं. जानवर का अंग्रेजी में क्या मतलब होता है? आपने एनिमल देखी है न…?’
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि संदीप रेड्डी वांगा की ट्रीटमेंट अनोखी और प्रभावी थी, इसलिए उन्होंने इस पर कोई कानूनी दावा नहीं किया. लेकिन उनका मानना है कि अगर प्रोड्यूसर इस समानता को स्वीकार करते, तो यह और अच्छा होता.
1999 में आई जानवर में अक्षय कुमार ने बाबू नाम के एक अनाथ का किरदार निभाया, जो अपराध की दुनिया में कदम रखता है. एक हादसे के बाद वह सुधरने की कोशिश करता है और एक खोए हुए बच्चे को गोद लेकर उसे अच्छा इंसान बनाने में अपनी जान लगा देता है. यह फिल्म पेरेंटहुड और रिडेम्पशन पर आधारित एक इमोशनल ड्रामा थी, जिसने रिलीज के वक्त बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई की थी.
एनिमल में रणबीर कपूर ने रणविजय नाम के हिंसक व्यक्ति की भूमिका निभाई. यह किरदार अपने पिता का प्यार और अटेंशन पाने के लिए हिंसा की हर हद पार करता है. फिल्म में एक्शन और इमोशन का तगड़ा मिश्रण था, लेकिन पिता-पुत्र के रिश्ते में दूरी इसकी मुख्य भावनात्मक धुरी रही. रणविजय, अपने पिता की सुरक्षा के लिए लड़ता है, लेकिन अंत तक उनके मन को नहीं जीत पाता.
दोनों फिल्मों में भावनात्मक केंद्र बिंदु “प्यार के लिए कुछ भी करने वाला बेटा” है. जानवर में यह प्यार एक गोद लिए बच्चे के लिए है, जबकि एनिमल में यह प्यार पिता के लिए है. दोनों ही कहानियां हिंसा, इमोशन और रिश्तों के इर्द-गिर्द घूमती हैं, लेकिन ट्रीटमेंट और सेटिंग अलग हैं.
सुनील दर्शन ने स्पष्ट किया कि उन्हें इस बात से बुरा नहीं लगा कि उनकी फिल्म से प्रेरणा ली गई, बल्कि वह इसे गर्व का विषय मानते हैं कि उनकी कहानियां आज भी नए दौर के फिल्ममेकर्स को प्रभावित कर रही हैं.
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