Dhanteras 2025 : धनतेरस हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो दिवाली से ठीक दो दिन पहले मनाया जाता है. इस दिन विशेष रूप से धन की देवी मां लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन शुभ वस्तुओं की खरीदारी करने से पूरे वर्ष घर में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य बना रहता है.
अक्सर इस दिन सोना, चांदी और महंगे धातु के बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है. लेकिन हर किसी की आर्थिक स्थिति इतनी सुदृढ़ नहीं होती कि वे महंगी वस्तुएं खरीद सकें. ऐसे में कुछ ऐसी भी वस्तुएं हैं जो सस्ती होती हैं, लेकिन धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ मानी जाती हैं. आइए जानते हैं धनतेरस पर किन 6 सस्ती चीजों की खरीद से आप भी मां लक्ष्मी की कृपा के पात्र बन सकते हैं.
धनतेरस पर धनिया के बीज खरीदना और उन्हें मंदिर में रखकर पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है. दिवाली के दिन इन बीजों को जमीन में बो देने की परंपरा है. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में धन की कभी कमी नहीं होती और मां लक्ष्मी स्थायी रूप से वास करती हैं.
पान को शुद्धता और श्रद्धा का प्रतीक माना गया है. धनतेरस के दिन तीन पान के पत्ते खरीदकर घर लाना और उन्हें लक्ष्मी माता, भगवान कुबेर और धन्वंतरि जी के चरणों में अर्पित करना शुभ होता है. इससे जीवन में मिठास आती है और ईश्वरीय कृपा प्राप्त होती है.
हल्दी को वैदिक काल से ही शुभता और धन का प्रतीक माना गया है. धनतेरस के दिन हल्दी खरीदकर घर लाने से न केवल घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, बल्कि परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है.
भारतीय परंपरा में झाड़ू को लक्ष्मी जी का स्वरूप माना जाता है. धनतेरस पर नई झाड़ू खरीदकर लाना बहुत शुभ होता है. मान्यता है कि ये नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर धन, शांति और समृद्धि को आकर्षित करती है. इसके अलावा ये घर की सफाई और पवित्रता का भी प्रतीक है.
धनतेरस के दिन पिसा हुआ सेंधा नमक खरीदकर उसे लाल कपड़े में बांधकर घर के मुख्य द्वार के ऊपर, पूर्व दिशा में टांगना शुभ माना जाता है. ये उपाय घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और परिवार में प्रेम और धन की वृद्धि करता है. नजर दोष से भी बचाव होता है.
धनतेरस पर खील और बताशे खरीदकर घर लाना और उन्हें देवी-देवताओं को भोग लगाना एक बहुत ही सरल लेकिन प्रभावी परंपरा है. ये न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे घर के सदस्यों के बीच रिश्तों में मिठास आती है और मानसिक सुख-शांति प्राप्त होती है.
धनतेरस केवल भौतिक वस्तुओं की खरीद का पर्व नहीं है, बल्कि ये आस्था, श्रद्धा और सकारात्मक ऊर्जा को अपने जीवन में आमंत्रित करने का दिन है.
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और लोक परंपराओं पर आधारित है. इसका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी प्रदान करना है.
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